मुलाजिम नहीं चाहते स्थानांतरण, चयन आयोग के कर्मचारी बोले, इस तरह बेकसूरों को दंडित न करे सरकार

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में गत दिसंबर माह में सामने आए भर्ती परीक्षा लीक मामले के बाद यहां का सारा सिस्टम डामाडोल चल रहा है। भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सरकार एक तरफ जहां आयोग के माध्यम से होने वाली भर्ती परीक्षाओं को ढांचा बदलने और कर्मचारियों का स्टेट कैडर करने पर विचार कर रही है, वहीं आयोग के कर्मी सरकार के इस फैसले से नाखुश नजर आ रहे हैं। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन हमीरपुर कर्मचारी संघ ने रोष प्रकट करते हुए सरकार से मांग की है कि बेकसूर कर्मचारियों को इस तरह स्थानांतरित करके उन्हें दंडित न किया जाए। संघ के महासचिव जोगिंद्र सिंह ने कहा है कि आयोग के कर्मचारियों ने गत वर्ष 167 छंटनी परीक्षाओं के अलावा 179 मूल्यांकन प्रक्रिया और 29 टाइपिंग टेस्ट आयोजित करवाए। संघ के अनुसार, जबकि आयोग में स्वीकृत 100 पदों की एवज में 40 प्रतिशत के करीब पद रिक्त चल थे, फिर भी कार्यरत कर्मचारियों ने बेहतर काम किया। कर्मचारी संघ ने कहा है कि अच्छा काम करने के बावजूद अब सूचना मिल रही है कि बेकसूर कर्मचारियों को सरकार अन्यत्र स्थानांतरित करने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों के हित पूर्ण रूप से प्रभावित होंगे। उन्होंने सरकार से कहा है कि बेकसूर कर्मचारियों को स्थानांतरित करके दंडित न किया जाए। गौरतलब है कि आयोग में भर्ती परीक्षा लीक का मामला सामने आने के बाद सरकार ने कमीशन को सस्पेंड कर दिया है और मामले में संलिप्त पाए गए आठ लोगों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ विजिलेंस ने केस भी दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपियों की आयोग की एक महिला कर्मी भी शामिल है, जो कि सीक्रेट ब्रांच में कार्यरत थी। अभी केस की जांच चल रही है गिरफ्तार आरोपियों में कइयों को जमानत भी मिल चुकी है, लेकिन सरकार चाहती है कि भविष्य में आयोग में ऐसी व्यवस्था की जाए कि दोबारा ऐसा न हो और जो यहां की छवि दागदार हुई है, उसे ठीक किया जा सके।