मुलाजिमों का क्या होगा, कैसे आगे जांच बढ़ेगी, एसएससी भंग होने के बाद स्थिति स्पष्ट नहीं

एसएससी भंग होने के बाद स्थिति स्पष्ट नहीं, जांच एजेंसी ने डीसी को लिखा पत्र

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-हमीरपुर

लाखों बेरोजगारों को रोजगार देने वाले प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग का अस्तित्व भर्ती परीक्षा पेपर लीक घोटाला सामने आने के बाद 25 साल बाद खत्म हो गया। आयोग के सभी तरह के स्टाफ को मिलाकर यहां 64 मुलाजिल सेवारत थे। कार्यालय को सील करके यहां ताला जड़ दिया गया है। मुलाजिमों को अभी क्लीयर नहीं है कि वो कहां सेटल होंगे, उनकी हाजिरी कहां लगेगी। दूसरी ओर यहां 23 दिसंबर को सामने आए भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है, लेकिन जब आयोग भंग है तो जांच एजेंसी को भी स्पष्ट नहीं है कि कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए अब उन्हें इस कार्यालय से संबंधित कोई डाटा या इनपुट चाहिए होंगे तो उसे देने के लिए कौन ऑथराइज होगा, क्योंकि जब आयोग ही भंग हो गया तो सरकार द्वारा यहां तैनात किए गए चेयरमैन और ओएसडी को रोल क्या रह जाता है, इस पर भी किसी को स्थिति स्पष्ट नहीं है।

बुधवार को विजिलेंस और जिला प्रशासन की इसे लेकर लंबी मीटिंग भी हुई। मीटिंग में पिछले दिनों सरकार की ओर से तैनात की गई आयोग की चेयरमैन डीसी हमीरपुर व ओएसडी एडीएम हमीरपुर के अलावा विजिलेंस के स्थानीय अधिकारी व उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे। बंद कमरे में हुई मीटिंग में क्या डिसकशन हुआ इसकी तो जानकारी नहीं लेकिन बताते हैं कि विजिलेंस ने डीसी हमीरपुर को पत्र लिखकर आयोग को लेकर आगामी स्थिति स्पष्ट करने के लिए पूछा है ताकि उनकी जांच प्रभावित न हो।