मणिकर्ण प्रकरण पर सरकार को नोटिस, सरकार को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश

 13 मार्च को अगली सुनवाई

मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पंजाबी श्रद्धालुओं के हुड़दंग का हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

विधि संवाददाता — शिमला
मनाली, मणिकर्ण और बिलासपुर में पंजाबी पर्यटकों द्वारा किए गए हंगामे पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, कुल्लू व बिलासपुर के जिलाधीश तथा कुल्लू और बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने छह व सात मार्च, 2023 को कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पर संज्ञान लेने  वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया। छह मार्च को प्रकाशित समाचार के अनुसार पंजाब के पर्यटकों ने रविवार दोपहर मनाली के ग्रीन टैक्स बैरियर पर हंगामा किया। ग्रीन टैक्स नहीं देने पर सैलानी मजदूरों से उलझ गए और देखते ही देखते करीब 100 मोटरसाइकिल सवार सडक़ पर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे और माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। यह भी बताया गया है कि मोटरसाइकिल पर खालिस्तान का झंडा भी फहराया गया था और पुलिस को कार्रवाई करते देख सवार ने झंडा गिरा दिया।

एसडीएम मनाली ने मौके पर पहुंचकर पुलिस कर्मियों की मदद से स्थिति पर काबू पाया। उधर, सात मार्च को अखबार में छपी खबर में बताया गया कि पंजाब के पर्यटकों ने मणिकर्ण में भी उत्पात मचाया। छह मार्च की रात को मणिकर्ण में दंगे जैसी स्थिति देखी गई, क्योंकि पंजाब के 100 से अधिक पर्यटकों अपने हाथों में झंडे लेकर शहर में हंगामा किया। कुछ पर्यटकों ने शराब पी थी और बीयर की बोतलें नैना माता मंदिर की ओर सडक़ पर फेंक दी। स्थानीय निवासियों के हस्तक्षेप के बाद उपद्रवियों ने तोडफ़ोड़ की और मंदिरों, घरों और 20 वाहनों में लोहे की छड़ों और लाठियों से तोडफ़ोड़ की। पर्यटकों को रास्ते में जो भी दिखा, उसकी पिटाई कर दी और दहशत का माहौल बना दिया। स्थानीय लडक़े के विरोध करने पर उन्होंने बीयर की बोतल से उसके सिर पर वार किया और रॉड से भी मारपीट की। वे जबरन एक भोजनालय में घुस गए और वहां मौजूद लोगों से बदसलूकी की। इस घटना में पांच लोगों के घायल होने से स्थानीय निवासियों में भय और आक्रोश का माहौल व्याप्त हो गया। वहीं मणिकर्ण में घटना के बाद, पंजाब के श्रद्धालु सैकड़ों की संख्या में सोमवार दोपहर को एकत्र हुए और बिलासपुर जिला के गरामोड़ा में हंगामा किया। मणिकर्ण जाने और वापस आने वाले बाइक सवार चंडीगढ़ मनाली एनएच पर हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार बिलासपुर के गरामोड़ा में जमा हो गए और करीब डेढ़ घंटे तक हाईवे बंद रखा। अदालत ने सभी घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है और इसे 13 मार्च को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

मणिकर्ण कांड पर बनी एसआईटी

शिमला। मणिकर्ण में धार्मिक पर्यटन के नाम पर रात भर हुई गुंडागर्दी मामले में हाई कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद हिमाचल पुलिस की नींद भी जागी है। पुलिस महानिदेशक ने अब इस पूरे मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है। इस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में तीन अधिकारियों को लिया गया है। सेंट्रल रेंज के डीआईजी मधुसूदन इसके चेयरमैन होंगे, जबकि एसपी कुल्लू साक्षी वर्मा और पंडोह आईआरबी बटालियन के कमांडेंट भगत सिंह ठाकुर एसआईटी के मेंबर होंगे। एसआईटी को प्रोफेशनल जांच करने के निर्देश दिए गए हैं और रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को देने को कहा गया है। इससे पहले पुलिस ने इस मामले में 6 मार्च की रात को हुई घटना के बाद आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 427 और प्रीवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 03 के तहत कुल्लू थाना में एफआईआर दर्ज की थी। गौरतलब है कि शुक्रवार को ही हिमाचल हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और होम सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाबतलबी की है और 13 मार्च को इस केस की सुनवाई भी होगी। यहां यह बताना भी गौरतलब होगा कि इस गुंडागर्दी की घटना के बाद भी हिमाचल पुलिस महानिदेशक ने इस मामले को सिर्फ दो गुटों की लड़ाई तक सीमित रखते हुए पंजाब के पर्यटकों का स्वागत करने का बयान दिया था। पुलिस के शुरुआती ढीले रवैये की वजह से इस मामले की जांच में अभी कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।