चयन आयोग की जगह वैकल्पिक व्यवस्था पुख्ता हो…

वर्ष 1998 में गठित राज्य कर्मचारी चयन आयोग को कई अनियमितताओं के चलते आखिर बंद किया गया है। निश्चित रूप से नई सरकार इसकी जगह कोई कामचलाऊ वैकल्पिक व्यवस्था करेगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह व्यवस्था पुख्ता हो, ताकि फिर से कोई अनियमितता न हो। नई व्यवस्था स्पष्ट, स्वच्छ और पारदर्शी हो। साथ ही यह जन अपेक्षाओं के अनुरूप हो। पारदर्शिता, विश्वसनीयता और निष्पक्षता जरूरी है, तभी सभी जिलों के अभ्यर्थियों का इसमें विश्वास कायम हो पाएगा। वास्तव में एक अच्छी, निष्पक्ष, कारगर और पूर्ण विश्वसनीय कार्यशैली वाली व्यवस्था ही समय की पुकार है। लोक सेवा आयोग को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, आशा है वह इसे बखूबी निभाएगा।

-किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर