तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार

प्रदेश सरकार शुरू करेगी नए कोर्स, शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाना प्राथमिकताओं में शामिल

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

तकनीकी शिक्षा मुख्यधारा की शिक्षा के अतिरिक्त युवाओं के व्यवहारिक ज्ञान और कौशल में उन्नयन लाती है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश के छात्रों को रोजगारोन्मुखी तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे औद्योगिक क्षेत्र की मांग के अनुसार अपने कौशल का विकास कर सकें। जिन क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर हैं, उन क्षेत्रों में आवश्यक कौशल विकास के लिए अवसर प्रदान करना जरूरी है। प्रदेश सरकार ने आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य के युवाओं के लिए नए मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि तकनीकी गुणवत्ता में सुधार हो सके। शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी संस्थानों में शीघ्र ही रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कम्प्यूटिंग डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, घुमारवीं, गरनोटा, नादौन, सुन्नी, शाहपुर, पालमपुर, शमशी, नाहन, जुब्बल, ऊना, पंडोगा, सुंदरनगर (विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए) और नालागढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकेनिक, मेंटिनेंस मैकेनिक, सोलर टैक्निशियन, ड्रोन टेक्निशियन, मैकेट्रोनिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बिलासपुर में बी-टेक कंम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डाटा साइंस) पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। विश्व बैंक द्वारा एसटीआरआईवीई परियोजना के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों अर्की, बगस्याड, बरठीं, भोरंज, बिलासपुर (महिला), दीगल, मंडी (महिला), नैहरनपुखर, नूरपुर, सलियाणा, शिमला और ऊना के बुनियादी ढांचे में भी सुधार किए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अलावा इस परियोजना के तहत पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों पपलोग, सुन्नी, धर्मशाला, बड़ोह और सुजानपुर में ऑन-ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।