घनी आबादी में नहीं चलेंगे हॉट मिक्स प्लांट, NGT के फैसले पर सडक़ बनाने में मददगार प्लांट के नियम तय

राकेश शर्मा — शिमला

अब सडक़ बनाने में मददगार हॉट मिक्स प्लांट घनी आबादी में नहीं चल पाएंगे। इनके लिए प्रदेश सरकार ने 500 से 2000 मीटर तक की दूरी तय कर दी है। यह दूरी हवा में मिक्स प्लांट की चिमनी की सीध से आबादी तक होगी। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मानकों को हॉट मिक्स प्लांट के लिए अनिवार्य किया गया है। हॉट मिक्स प्लांट का इस्तेमाल खासतौर पर सडक़ बनाते समय में तारकोल पिघलाने और कंकरीट को मिक्स करने में होता है। राज्य सरकार ने एनजीटी े आदेशों पर हॉट मिक्स प्लांट इस्तेमाल के नियम तय किए हैं। प्रदेश में इन नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अब शहरी क्षेत्र में नगर निगम, नगरपरिषद और नगरपंचायत में हॉट मिक्स प्लांट को आबादी से 1500 मीटर की दूरी पर स्थापित किया जा सकता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह दूरी 500 मीटर तय की गई है। सबसे कड़े आदेश वन विभाग में सामने आए हैं। यहां वाइल्ड लाइफ और वर्ड सेंक्चुरी एरिया से हॉट मिक्स प्लांट 2000 मीटर यानि दो किलोमीटर दूर ही रखने होंगे। यही आदेश राष्ट्रीय स्मारक और हवाई अड्डों पर भी लागू किए गए हैं।

वर्जित क्षेत्रों में मिक्स प्लांट नहीं लग पाएंगे। इन क्षेत्रों से 1000 मीटर की दूरी पर इन्हें स्थापित किया जा सकेगा। सैन्य छावनी क्षेत्रों के लिए भी 1000 मीटर की दूरी का ही नियम तय किया गया है। सबसे कम दूरी नेशनल हाईवे पर तय हुई है। लेकिन यह दूरी सिर्फ उसी दशा में लागू मानी जाएगी। जब नेशनल हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा हो। निर्माण की स्थिति में 10 मीटर की दूरी पर हॉट मिक्स प्लांट स्थापित किए जा सकते हैं। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। उन्होंने बताया कि सभी हॉट मिक्स संचालकों को सरकार के तय नियमों का पालन करना होगा। पालन न करने की सूरत में आवश्यक कार्रवाई नियमों के तहत की जाएगी। प्रदेश भर में यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हॉट मिक्स प्लांट स्थापित करने की मंजूरी देगा। इसके लिए एनओसी और लोक निर्माण विभाग के तय नियमों में खरा उतरना होगा। (एचडीएम)