ब्लास्टिंग से मकानों में आई दरारें, जगह-जगह सुरंगे बनाने से सूखे गांवों के कुएं-बाबडिय़ां

स्वारघाट। भानुपली से बैरी तक बन रहे रेलवे टनल निर्माण के लिए हो रही ब्लास्टिंग से जहां लोगों के मकान तक कंपकपा गए हैं, तो वहीं सुरंगों ने गावों के जल स्रोतोंं को भी सूखा दिया है। टनल निर्माण से स्वारघाट ब्लॉक के कई गावों के प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख चुके हैं। इससे गावों में जलसंकट भी गहरा गया है। कभी जहां कूहल के पानी इन खेतों में लगते थे, आज वो खेत बंजर होते जा रहे हैं।

इसी समस्या को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम स्वारघाट धर्मपाल ने जियोलॉजिस्ट की टीम को लेकर गांव खैरियां का दौरा किया। किसानों का कहना था कि कूहलों से कभी गावों में फसलें अच्छी हो जाती थी परन्तु जब से रेलवे सुरंग निर्माण का कार्य चला है तब से स्रोतों में पानी की कमी हो गई है। इससे पहले भी टनल निर्माण के दौरान गांव भुवाई, कैंचीमोड़, गरा, री इत्यादि गावों के जलस्त्रोत भी पूरी तरह से सूख चुके हैं।