NPA बंद करने पर भडक़े डॉक्टर, मेडिकल अफसर एसोसिएशन ने किया विरोध, फैसला गलत करार

स्टाफ रिपोर्टर — धर्मशाला

हिमाचल सरकार ने ऐलोपैथी, आयुष, वेटरनरी और डेंटल डॉक्टरों के लिए एनपीए बंद कर दिया है। इस संदर्भ में वित्त विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। वित्त विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार नई भर्तियों में इन विभागों के डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिस अलाउंस नहीं मिलेगा। इस फैसले हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर एसोसिएशन के अलावा वैटरिनरी, डेंटल और आयुष डॉक्टर नाराज हैं। ये सभी डॉक्टर सरकार के इस फैसले का विरोध करेंगे। हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डा. राजेश राणा और डा. विकास ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ ने भविष्य में नियुक्त होने वाले चिकित्सकों के एनपीए को रोके जाने का एकमत से विरोध जताया है। इस संदर्भ में वित्त विभाग की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वेतन को लेकर हिमाचल में पंजाब की तर्ज पर निर्णय लिए जाते हैं यह आकाश मिक निर्णय चिकित्सकों के हित में नहीं है साथ ही यह एक जनविरोधी निर्णय भी है।

यदि चिकित्सा अधिकारी अपनी प्रैक्टिस करते हैं, तो इससे जनता का आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर ही बढ़ेगा, इसके कारण प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं भी चरमरा सकती हैं। हिमाचल के चिकित्सकों ने कड़ी मेहनत से राज्य को देश भर में सर्वोत्तम स्थान पर पहुंचाया है, क्योंकि हिमाचल में चिकित्सको को एनपीए दिया जाता है, वहीं जिन राज्यों में एनपीए नहीं दिया जाता है, उनके हैल्थ इंडिकेटर बहुत ही निम्न स्तर पर हैं। संघ ने मांग उठाई है कि डाक्टरों को मिलने वाला नॉन प्रैक्टिस अलाउंस बंद नहीं होना चाहिए। वहीं सरकार के इस फैसले से वैटरिनरी ऑफिसर संघ भी नाराज है। संघ के अध्यक्ष डा. नीरज मोहन एवं महासचिव डा. मधुर गुप्ता का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हर वर्ग के चिकित्सकों की नई नियुक्तियां होने पर एनपीए पर भी रोक लगा दी, जिससे समस्त चिकित्सक वर्ग में निराशा एवं दुख का माहौल है।