चार-पांच दिन हिरासत में रह सकते हैं इमरान खान, हिंसा के मद्देनजर सोशल मीडिया पर रोक

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के चार से पांच दिनों तक राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की हिरासत में रहने की संभावना है। इमरान खान को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। डॉन समाचार पत्र ने एनएबी के एक सूत्र के हवाले से बताया कि इमरान खान को आज (बुधवार) जवाबदेही अदालत में पेश किया जाएगा। सूत्र ने कहा, “हम उन्हें कम से कम चार से पांच दिनों तक हिरासत में रखने की पूरी कोशिश करेंगे।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 में नए संशोधनों के तहत, किसी भी अदालत द्वारा दी गई भौतिक हिरासत की अवधि 90 दिन से घटाकर 14 दिन कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हम अदालत से 14 दिनों की अधिकतम अवधि का भौतिक रिमांड मांगेंगे,” उन्होंने कहा कि अदालत से कम से कम चार से पांच दिनों की रिमांड देने की उम्मीद है। भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली इस संस्था ने रेंजर्स के माध्यम से पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष की गिरफ्तारी को न्यायाचित ठहराया।

पीटीआई प्रमुख की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, सूत्र ने कहा कि खान को एनएबी के रावलपिंडी/इस्लामाबाद क्षेत्रीय मुख्यालय में “आरामदायक माहौल” में हिरासत में लिया गया था। इमरान खान के साथ “कठोर व्यवहार” नहीं किया जाएगा, बल्कि उनसे केवल मामले में उनकी कथित संलिप्तता और मौद्रिक लाभ मांगने के बारे में पूछताछ की जाएगी। एक आधिकारिक बयान में एनएबी ने खान के खिलाफ मामले के बारे में विवरण भी दिया है।

हिंसा के मद्देनजर फेसबुक, ट्वीटर और यूट्यूब पर रोक

वहीं, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने गृहमंत्रालय की सिफारिश पर देश भर में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब सहित लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की आज सुबह हुई गिरफ्तारी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

इमरान खान की गिरफ्तारी ने पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं कानून व्यवस्था को बनाए रखने को लेकर गृह मंत्रालय चिंतित है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भड़काऊ संदेशों, अफवाहों और आगजनी को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने का निर्णय लिया गया है। सोशल मीडिया संदेश तनावपूर्ण स्थिति को बढ़ा सकते है। अधिकारियों को उम्मीद है कि फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर अस्थायी रोक से गलत सूचना के प्रसार नहीं हो सकेगा।