तूफान-बारिश ने मचाई तबाही; मकानों-सडक़ों पर गिरे पेड़; फसलें बर्बाद, भू-स्खलन से ज्यादा नुकसान

प्रदेश के कई इलाकों में मकानों-सडक़ों पर गिरे पेड़; फसलें बर्बाद, भू-स्खलन से ज्यादा नुकसान

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

हिमाचल में मौसम के करवट बदलने से लोगों की परेशानियों में इजाफा हो गया है। पिछले तीन दिनों में प्रदेश के कई इलाकों में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश हुई है। आंधी-तूफान से शिमला, सिरमौर, सोलन व अन्य जिलों में लोगों के घरों व सडक़ों पर पेड़ गिर गए हैं। खेतों में फसलें बिछ गई हैं। वहीं बारिश व ओलावृष्टि के कारण कई क्षेत्रों में भू-स्खलन की घटनाएं हुई हैं। भू-स्खलन के कारण काफी ज्यादा नुकसान प्रदेश के लोगों को हुआ है। वहीं ऊपरी शिमला को जोडऩे वाला एनएच-5 ठियोग में सडक़ धंसने से बाधित हो गया है। दरअसल गुरुवार सुबह भारी बारिश के कारण एनएच-5 ठियोग के पांस धंस गया। सडक़ धंसने के कारण करीब दो घंटे तक वाहनों की आवाजाही दोनो तरफ से बंद रही। इसके बाद नेशनल हाई-वे आथॉरिटी की ओर से सडक़ को वन-वे कर दिया गया है। हालांकि यहां पर खतरा अभी भी बना हुआ है।

मार्ग बंद होने के कारण ऊपरी शिमला के कोटखाई, सैंज, चौपाल, नेरवा, रामपुर, किन्नौर, कुमारसैन, नारकंडा, मत्याना इत्यादि क्षेत्रों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं ऑरेंज अलर्ट के बीच पांगी, भरमौर और लाहुल में बर्फबारी हुई। जिला सिरमौर के गिरिपार में भारी ओलावृष्टि हुई। जिला चंबा में किलाड़-कुल्लू मार्ग पर सिद्धनाला में भारी बारिश में कई वाहन नाले में फंस गए। नकरोड़ के पास भारी बारिश से सडक़ पर मलबा गिरने से चंबा-तीसा मार्ग बाधित रहा। कुल्लू में बादल झमाझम बरसे। धर्मशाला में शाम को तेज बारिश हुई। शिमला में देर रात को बारिश के साथ अंधड़ भी चला। मौसम में बदलाव आने से अधिकतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि का यलो अलर्ट जारी किया है। 28 मई तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। बारिश के कारण प्रदेश के तापमान में फिर से गिरावट दर्ज की गई है।