सेब के गूदे से तैयार होगी ढींगरी मशरूम, डा. यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय नौणी के वैज्ञानिकों की नई तकनीक

मोहिनी सूद-सोलन

सेब के गूदे (बचा हुआ अवशेष) से अब देशभर में तैयार होने वाली ढींगरी मशरूम तैयार की जा सकेगी। इसके लिए डा. यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय नौणी के वैज्ञानिकों ने नई तकनीक निजात की है। वैज्ञानिकों के अनुसार सेब के अवशेष और भूसे से कल्टीवेशन के बाद तैयार मशरूम की क्वालिटी और वैरायटी पहले से बेहतर होगी। इससे गेहूं पर तैयार की गई ढींगरी मशरूम से उपज भी दो गुना अधिक होगी। मशरूम के लिए भूसे की कमी भी दूर होगी। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सफल प्रशिक्षण कर लिया है।

जानकारी के अनुसार सेब के गूदे (पोमेस) का सही इस्तेमाल करने के दिशा में कार्य करते डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वविद्यालय के बेसिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष डा. निवेदिता शर्मा और पादप रोग विज्ञान विभाग के डा. धर्मेश गुप्ता ने मिलकर पोमेस को ढींगरी मशरूम उत्पादन के लिए इस्तेमाल कर उस पर शोध कार्य किया। सेब पर ढींगरी उगाने के लिए पिछले दो वर्षों से अनुसंधान किया गया। डा. यशवंत सिंह परमार नौणी विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि विश्वविद्यालय नई तकनीक विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने सेब के पोमेस पर कार्य किया है। उन्होंने बताया कि यह शोध न केवल किसानों बल्कि नए उद्यम स्थापित करने में कारगर साबित होगा। एचडीएम