शिक्षकों की भर्ती को 100 बच्चों की शर्त बनी आफत; कला अध्यापकों के 285 पद खाली, पद भरने को उठाई मांग

प्रदेश में कला अध्यापकों के 285 पद खाली, पद भरने को उठाई मांग

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

प्रदेश के स्कूलों में कला अध्यापकों के 285 पदों को सरकार आने वाली कैबिनेट में अप्रुवल दे, ताकि प्रदेश के स्कूलों कला अध्यापकों के खाली पदों को भरा जा सके। बेरोजगार कला अध्यापक संघ की अध्यक्ष अंजना कुमारी ने कहा कि 100 बच्चों की कंडीशन के कारण स्कूलों में कला अध्यापकों के पद नहीं भरे जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि स्कूलों में 100 बच्चों की कंडीशन सिर्फ मिडिल स्कूलों के लिए लगाई गई है, न कि हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए लगाई गई है। ऐसे में हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 285 पदों को जल्द भरा जाए। दरअसल सरकार ने शर्त लगाई है कि 100 विद्यार्थियों से कम संख्या वाले माध्यमिक स्कूलों में कला अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार ऐसे में स्कूलों में कला अध्यापक का पद भरा जाना अनिवार्य नहीं है। ऐसे में प्रदेश सरकार से कई बार इस शर्त को हटाने की मांग की जा चुकी है। संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि जल्द उनके लिए रोजगार का प्रावधान किया जाए।

प्रदेश भर के स्कूलों में जल्द की जाए एनटीटी भर्ती

शिमला। प्रदेश के स्कूलों में जल्द से जल्द एनटीटी के पदों पर भर्ती की जाए। नर्सरी प्रशिक्षित अध्यापिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष वंदना गौतम सहित पूरी कार्यकारिणी ने प्रदेश सरकार से यह मांग उठाई है। नर्सरी प्रशिक्षित अध्यापिका संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि एनटीटी की भर्ती के लिए जल्दी से भर्ती नियम तय करके भर्ती करने का निर्णय लिया जाए, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हजारों की संख्या में बेरोजगार नर्सरी प्रशिक्षित अध्यापिका हैं। ये रोजगार के इंतजार में बैठी हैं कि कब सरकार भर्ती नियम तय करके भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी और उनको रोजगार मिलेगा। हाल ही में एनटीटी भर्ती पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी यह कह चुके हैं कि यह मुद्दा काफी लंबे समय से चला है। प्रदेश में अधिकतर डिप्लोमा धारक ऐसे हैं, जिनके पास एक साल का ही डिप्लोमा है। ऐसे में लंबे समय बाद एनटीटी भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इसमें अब आ एंड पी रूल ही तय होने हैं।