हाईकोर्ट के कुंडली जांचने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, जानना जरूरी नहीं कि रेप पीडि़ता ‘मांगलिक’ है या नहीं

दिव्य हिमाचल ब्यूरो—नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बलात्कार के एक मामले में पीडि़ता के ‘मांगलिक’ होने की जांच कराने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप पीडि़ता की कुंडली जांचने का आदेश दिया था। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले पर रोक लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट इसमें केस की मेरिट पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरजरूरी बताया है। अवकाशकालीन बेंच ने शनिवार को हुई विशेष सुनवाई में कहा कि यह जानना जरूरी नहीं कि पीडि़ता मांगलिक है या नहीं। दरअसल, शादी का झांसा देकर संबंध बनाने के लिए एक शख्स पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया।

आरोपी ने लडक़ी को मांगलिक बताकर शादी करने से इनकार कर दिया। इस मामले में आरोपी की जमानत याचिका 23 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस बृज राज सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय के एस्ट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष से रिपोर्ट मांग ली कि लडक़ी की जन्मकुंडली में मंगल दोष है या नहीं। इसके साथ ही 26 जून को सुनवाई की अगली तारीख तय की थी।