इस तरह विश्व गुरु कैसे बनेगा भारत…

ऐसा मीडिया, सोशल मीडिया, गंदी राजनीति, झूठ का खुला बाजार, अभद्र भाषा का इस्तेमाल, नफरत का खुला खेल, कानूनों की धज्जियां उड़ाई जाना, यानी अपनों को राहत दूसरों को आहत, देश की जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश, गढ़े मुर्दे उखाडऩे की राजनीति, धर्म को ढाल बनाया जाना, सदियों पुरानी एकता में अनेकता की परंपरा को ठेंगा दिखाने का प्रयास आदि से क्या हमारा प्यारा देश विश्वगुरु कहलाया जा सकता है? हम हर भारतवासी को इन महत्वपूर्ण बातों पर सोचने की जरूरत होगी कि आखिर हम देश की बेहतरी के लिए क्या योगदान दे सकते हैं।

आजकल की राजनीति से उन दिवंगत आत्माओं को भी शर्म आ रही होगी जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी से देश की जनता को आजादी दिलाई है।

-रूप सिंह नेगी, सोलन