अब महिला वैज्ञानिक करेंगी शोध

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी, मेडिसिन प्लांट लगाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान में महिला वैज्ञानिक अब शोध करेंगी। संस्थान में तैयार होने वाले सभी प्रोजेक्ट महिलाओं पर आधारित होंगे और इनके शुरू होने के बाद महिलाओं को स्वरोजगार से जुडऩे का अवसर मिलेगा। ज्यादातर शोध में मेडिसिन प्लांट को लगाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह बात हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डा. संदीप शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए हिमालयन रिसर्च ग्रुप के साथ संस्थान ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू के तहत आगामी पांच साल के लिए संस्थान और ग्रुप मिलकर प्रदेश में शोध कार्य चलाएंगे। डा. संदीप शर्मा ने कहा कि उनका संस्थान भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद देहरादून पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय स्तर पर वानिकी अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करने के लिए एक शीर्ष स्वायत निकाय है।

यह संस्थान हिमाचल प्रदेश राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में वानिकी अनुसंधान शिक्षा और विस्तार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जबकि हिमालयन रिसर्च ग्रुप के निदेशक डा. लाल सिंह ने कहा कि उनका संगठन एक उभरता हुआ और प्रगतिशील गैर-सरकारी संगठन है, इसका लक्ष्य वैज्ञानिक नवाचारों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ पर्यावरण-अनुकूल तरीके से स्थानीय समुदायों में आर्थिक समृद्धि लाना है। लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर यह संगठन मुख्य रूप से भारतीय हिमालय क्षेत्र के कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रामीण आजीविका, जैव-विविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन शमन तथा समुदायों के समग्र विकास को सुदृड़ करने हेतु कार्य करता है। दोनों संगठनों के निदेशकों ने आशा व्यक्त की कि इस समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षरित करने के बाद दोनों संस्थान एक-दूसरे के साथ मिलकर वैज्ञानिक नवाचारों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ पर्यावरण-अनुकूल तरीके से स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगे तथा उनकी आर्थिक समृद्धि लाने में भागीदार होंगे।