काहे का लोकतंत्र रे भैया?…

एक बात जिसकी तरफ में देश का ध्यान आकर्षित करना चाहती हूं, वह यह है कि कुछ लोग अपनी हवस का शिकार बनाकर देश को शर्मिंदा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस का फर्ज देश में शांति व्यवस्था बनाए रखना है। कई राज्यों में आए दिन पुलिस लाठीचार्ज कर किसानों या जनता को घायल कर रही है या मृत्यु के घाट उतार रही है।

ऐसा दर्दनाक दृश्य तो अंग्रेजों के जमाने में हुआ करता था। तो काहे का लोकतंत्र रे भैया? अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे समझा-बुझा कर व डांट-डपट से सीधे रास्ते पर लाया जाना चाहिए। मणिपुर में जो हुआ, उसके आरोपी धीरे-धीरे थोड़ी सी सजा भुगत कर बरी हो जाएंगे। फिर बताओ, कानून का शासन कहां है? जो कानून बनते हैं, मौकापरस्तों के फायदे के लिए बदल जाते हैं।

-अंजना आर्य, लूणापानी, मंडी