हर हिंदुस्तानी को हिंदी पर मान होना चाहिए…

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा घोषित किया था। हिंदी का देश में विस्तार करने के लिए तब से हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हमारे देश के जाने-माने कवि, उपन्यासकार और नाटककार भारतेंदु हरिश्चंद्र ने क्या खूब कहा है कि, ‘निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय को सूल। अंग्रेजी पढ़ के जदपि जब गुन होत प्रवीन, पै निज भाषा ज्ञान के रहत हीन के हीन।’ हिंदी ‘कोई’ भाषा नहीं, बल्कि हमारे देश की राजभाषा और राष्ट्रीय प्रतीक है। हिमाचल की अगर बात करें तो यहां कांगड़ी, कुल्लवी, मंडयाली, चम्बयाली आदि बोलियां बोली जाती हैं, लेकिन आपसी संपर्क में हिंदी का ही प्रयोग होता है।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा