अनमोल वचन

* खुद की तरक्की में इतना वक्त लगा दो कि किसी दूसरे की बुराई करने का वक्त ही न मिले
* इनसान की अच्छाई पर सब मौन रहते हैं, चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो, तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं
* शांति के समान कोई तपस्या नहीं, संतोष से बढक़र कोई सुख नहीं, तृष्णा से बढक़र कोई व्याधि नहीं और दया से बढक़र कोई धर्म नही
* इनसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनिया तो भगवान से भी दुखी है
* हर सुबह हम एक नया जन्म लेते हैं और हम आज क्या करेंगे ये सबसे अधिक मायने रखता है