सुंदरनगर में महिला कंडक्टर बनीं मिसाल; हिमाचल पथ परिवहन निगम में लोकल रूट पर दे रहीं सेवाएं

स्टाफ रिपोर्टर-सुंदरनगर

महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश करते हुए कई अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी एचआरटीसी सुंदरनगर डिपो में बतौर परिचालक न केवल अपने कार्यक्षेत्र में सेवाएं दे रही यह अपितु अपने गृहस्थ जीवन की भी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए अन्यों के लिए मिसाल बनी हुई है। सुंदरनगर डिपो में सेवारत महिला परिचालकों की विशेष बात यह है कि दोनों परिचालक उच्च शिक्षा ग्रहण करने उपरांत अपने कार्यक्षेत्र के प्रति पूरी लगन व निष्ठा के साथ सेवाएं दे रही है। दोनों ने एमए के बाद बीएड की परीक्षा भी पास की हुई है। दोनों महिलाओं की चर्चा पूरे सुंदरनगर उपमंडल में एक ईमानदार, जुझारू और मृदु भाषी परिचालक के रूप में हर जुबान पर है। प्रतिदिन नियमित रूप से सुबह सात से शाम सात बजे तक सुंदरनगर के लोकल रूटों पर चलने वाली बसों में टिकट काटती हैं और शाम को घर पहुंचकर घर की जिम्मेदारियां भी पूरी करती हैं। निगम में परिचालक की नौकरी करते हुए कई बार बस में बैठे कई लोग उन्हें महिला होने के नाते इस नौकरी को छोडऩे की सलाह भी दे चुके हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि उनके परिजनों ने उनका हर मोर्चे पर पूरा साथ देते हुए कभी उनके हौसलों के आगे दीवार खड़ी करने का प्रयास तक नहीं किया।

बता दें कि महिला परिचालक जयदेवी निवासी शीला देवी ने राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में डबल एमए और बीएड करने के साथ ही नेट, सेट और टेट की परीक्षा भी उत्तीर्ण की हुई हैं, जबकि दूसरी परिचालक ठंडापाणी की द्रौंपदी देवी एमए और बीएड हैं। शीला देवी ने बताया कि वह उप रोजगार कार्यालय सुंदरनगर में आएटसोर्स कर्मी के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। द्रोंपती देवी की कहानी भी बिलकुल मिलती जुलती है। शीला और द्रोंपती देवी कहती हैं कि वह दोनों सुंदरनगर के लोकल रूटों पर चलती हैं । इस दौरान बस के चालक और सवारियों से उन्हें बड़ा आदर सत्कार मिलता है। बस स्टैंड में भी अधिकारी और कर्मचारी उनके कार्य से संतुष्टि प्रकट करते हुए प्रशंसा करते हैं।