संत निरंकारी सत्संग भवन मुगला में बही ज्ञान की गंगा

नगर संवाददाता-चंबा
संत निरंकारी सत्संग भवन मुगला में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता महात्मा अनिल शर्मा ने की अध्यक्षता में विशाल सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग का शुभारंभ आरती वंदना से किया गया। राख, जांघी, मैहला,धरवाला, जडेरा, साहो, मंगला आदि गांवों से आए संतों महात्माओं ने अपने विचारों व भजनों द्वारा अपनी भावनाएं व्यक्त की।

महात्मा अनिल शर्मा जी ने कहा कि जैसा कि हम समय -समय से पढ़ते सुनते चले आ रहे हैं कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना हुआ है-भूमि, गगन, वायु, अग्नि, नीर इन पांच तत्वों की यात्रा जहां से प्रारंभ होती है वहीं समाप्त हो जाती है। जब यह पांच तत्वों का बना शरीर इस छठे परम तत्व की प्राप्ति के लिए अग्रसर होता है तब उसे जीवन की यात्रा की सफलता कहा जा सकता है। विचार करने की आवश्यकता है कि आखिर छठा तत्व है क्या। छठा तत्व कुछ और नहीं अपितु आत्मज्ञान है। आत्मा इस परमात्मा का अंश है, जिस प्रकार जल की एक बूंद सागर का अंश होती है। अब प्रश्न जहन में उठता है कि इस आत्म ज्ञान को प्राप्त कैसे किया जा सकता है। मनुष्य जीवन भर परमात्मा को ढूंढने का प्रयास करता है कि इसे कैसे प्राप्त किया जाए। जब पूर्ण सदगुरु की प्राप्ति होती है तभी उसे आत्म ज्ञान प्राप्त होता है।