होली-उतराला सडक़, ब्रेही-द्रकुंड सुरंग को आवाज बुलंद

दो हिस्सों में बंटे जनजातीय-गैर जनजातीय क्षेत्र के लोग, मांगें पूरी करवाने को संघर्ष समितियों का गठन

निजी संवाददाता-मैहला
जिला चंबा की कांगड़ा से दूरी कम करने को लेकर जनजातीय हलके भरमौर के जनजातीय व गैर जनजातीय क्षेत्र के लोगों ने अपने- अपने स्तर पर होली-उतराला मार्ग और ब्रेही-द्रकुंड सुरंग के निर्माण को लेकर अभियान छेड़ दिया है। इन दोनों मांगों को पूरा करवाने को लेकर जहां होली-उतराला संघर्ष समिति गठित हुई है वहीं सुरंग निर्माण की मांग को लेकर गैर जनजातीय क्षेत्र संघर्ष समिति का गठन हो गया है। ऐसे में सडक़ व सुरंग निर्माण की मांग को लेकर जनजातीय व गैर जनजातीय क्षेत्र के लोग दो हिस्सों में बंटकर रह गए हैं।

बताते चलें कि भरमौर हलके के होली क्षेत्र की जनता होली-उतराला सडक़ मार्ग बनवाकर भरमौर और कांगड़ा की दूरी कम करना चाह रही है वहीं गैर जनजातीय इलाके की चौबीस पंचायतें ब्रेही- द्रकुंड़ सुरंग का निर्माण करवा पूरे चंबा जिला को कांगड़ा से जोडऩा चाह रहीं हैं। विगत कुछ दिनों में ये मांगे इतना जोर पकड ़चुकी है कि लोग विभिन्न प्लेटफार्म से जरिए इन दोनों मुद्दों को उजागर कर रहे हैं। होली के लोगों का तर्क है कि होली-उतराला सडक़ के निर्माण से जहां कांगड़ा पहुंचना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के लिए आने वाले शिव भक्तों की राह ओर सहज हो जाएगी। भरमौर-होली में पर्यटन को और गति मिलेगी। जबकि गैर जनजातीय क्षेत्र के लोगों का कहना है कि ब्रेही द्रकुंड सुरंग बनने से चंबा का भरमौर और चंबा सदर हलका कांगड़ा से सीधे जुड़ जाएगा। गंभीर बीमारी की हालत में टांडा पहुंचने का सफर कम हो जाएगा। गैर जनजातीय क्षेत्र में रोजगार के द्वार खुल जाएंगें।

सडक़ बनने से लोगों की राह होगी आसान
को-आप्रेटिव बैंक के निदेशक एवं किलोड वार्ड के जिला परिषद सदस्य ललित ठाकुर ने कहा कि पिछले मई माह में मुख्यमंत्री से ब्रेही-द्रकुंड सुरंग निर्माण के विषय में मुलाकात हुई थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसका सर्वे करवाने के लिए कहा है। इसके साथ ही होली उतराला सडक़ बनना भी उतना ही जरूरी ह,ै जिससे घाटी के लोगों का राह आसान हो जाएगी।