किसानों को रेल कॉरिडोर की जानकारी, बैठक के दौरान परियोजना के पर्यावरण-सामाजिक पहलुओं से करवाए रू-ब-रू

सार्वजनिक परामर्श बैठक के दौरान परियोजना के पर्यावरण-सामाजिक पहलुओं से करवाए रू-ब-रू

स्टाफ रिपोर्टर—मोहाली

प्रस्तावित दिल्ली-चंडीगढ़ के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के बारे में जनता को सूचित करने के उद्देश्य से सोमवार को नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा जिला प्रशासनिक परिसर, एसएएस नगर, मोहाली के मीटिंग हॉल में एक सार्वजनिक परामर्श आयोजित किया गया। दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला राजस्व अधिकारी अमनदीप चावला ने की, जबकि प्रस्ताव का विवरण एनएचएसआरसीएल के प्रतिनिधि अनिल कुमार ने साझा किया। अनिल कुमार ने किसानों को इस परियोजना के बारे में जानकारी दी, जिससे जिले के 43 गांवों की 117.17 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा। साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर जिले में 474.772 किमी की परियोजना की कुल लंबाई 55.613 किमी है। इस परियोजना में चंडीगढ़ के पास प्रस्तावित स्टेशन दयालपुर, बाकरपुर, शफीपुर और रूरका गांवों पर आधारित हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि विद्युत परियोजना होने के कारण पर्यावरण प्रदूषण मुक्त होने के साथ-साथ कंपन प्रभाव भी शून्य रखा गया है।

पूरी परियोजना 13 मीटर चौड़ाई वाले दस से 15 मीटर ऊंचे खंभों पर बनाई जाएगी और परियोजना के चार मीटर नीचे सडक़ रखरखाव के लिए होगी। उन्होंने किसानों को लाभ के लिए रीयलटर्स द्वारा प्रस्तावित भूमि की बिक्री और खरीद के प्रति आगाह किया, क्योंकि परियोजना केवल एक प्रस्ताव है और केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से पहले विशेष रूप से उनकी भूमि अधिग्रहण की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसारए जिले में इस परियोजना के मार्ग में कोई धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, पुरातात्विक स्मारक, राष्ट्रीय उद्यानध्वन्यजीवए जंगल आदि नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली ट्रेन के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।