महानायक हैं श्री राम…

विश्व महानायक राम का नाम युगों-युगों से जन के मन पर छाया हुआ है। राम का नाम चिरंजीवी रहेगा तथा अपनी गरिमा के समस्त वैभवों से विश्व मानस को संत अर्पण प्रदान करता रहेगा। सचमुच राम का नाम कल्पवृक्ष है। वाल्मीकि ने राम पर काव्य रचना की और आदिकवि की संज्ञा प्राप्त कर अमर हो गए। आचार्य रविषेण, आचार्य गुणभद्र, आचार्य विमलसूरि ने एक से एक उत्तम भाव प्रवण पुराण एवं काव्य साहित्य में रामचरित लिखे हैं। संस्कृत के स्वतंत्र महाकवियों तथा मैथिलीशरण गुप्त ने राम पर काव्य रचना की है। एक हजार से अधिक दुनिया भर की विविध भाषाओं में राम की गाथा को पढक़र ऐसा प्रतीत होता है कि काल की समस्त सत्ता को ललकार कर और विस्मृति के संपूर्ण उत्पादनों को निरस्कृत कर राम का यह अद्भुत चरित्र लोक मानस में प्रतिक्षण नवीन होकर चिरंजीवी हो रहा है।

-सुरेंद्र अग्निहोत्री, लखनऊ