डाक्टर-इंजीनियर बनेंगे विधवाओं के बच्चे, सुक्खू बोले, सुख-शिक्षा योजना के तहत खर्च उठाएगी प्रदेश सरकार

मुख्यमंत्री सुक्खू ने एकल नारी संगठन के समारोह में कहा, सुख-शिक्षा योजना के तहत खर्च उठाएगी प्रदेश सरकार

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां एकल नारी संगठन के राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के जरूरतमंद और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत अगले वित्तीय वर्ष में 70 करोड़ रुपए अतिरिक्त व्यय करते हुए 40 हजार नए लाभार्थी जोड़े जाएंगे। इस योजना के लिए लगभग 1260 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं, जिससे वृद्ध, विधवा, एकल नारी, दिव्यांगजन और कुष्ठ रोगी सहित लगभग 7 लाख 84 हजार लाभार्थी लाभान्वित होंगे। सरकार ने एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाली विधवा महिलाओं के 27 वर्ष आयु तक के बच्चों को उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री सुख-शिक्षा योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि यह योजना नर्सिंग, मेडिकल, इंजीनियरिंग, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, भारतीय प्रबंधन संस्थानों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों इत्यादि में उच्च शिक्षा ग्रहण करने पर होने वाले व्यय को वहन करेगी। इसके अतिरिक्त पात्र बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह उनके आवर्ती जमा खातों में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जमा किए जाएंगे। राज्य सरकार पात्र महिलाओं को वार्षिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के तहत लाते हुए इस पर लगभग 41 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि व्यय करेगी।

राज्य सरकार विधवा महिलाओं को गृह निर्माण के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाएगी। इस योजना के तहत नवनिर्मित घरों के लिए बिजली, पानी सहित अन्य मूलभूत आवश्यकताओं का भी प्रावधान किया गया है। श्री सुक्खू ने कहा कि दिव्यांगजनों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत सोलन जिला के कंडाघाट में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में 27 वर्ष आयु तक के दिव्यांगजनों को खेल मैदान, आवासीय परिसर सहित अन्य विविध सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिन पात्र दिव्यांग बच्चों के पास रहने की कोई सुविधा नहीं है, उन्हें किराए पर आवास के लिए वित्तीय मदद भी प्रदान की जाएगी।