द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ

उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में नेशनल हाई-वे 34 के किनारे गंगेरुआ गांव में 70 फुट ऊंचा एक विशाल शिवलिंग है। बुलंदशहर का ये शिवलिंग देश-दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है। इस शिवालय को द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ के नाम से जाना जाता है। यहां दूरदराज से हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। भगवान महालिंगेश्वर की प्रसिद्धि के कारण यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं। श्री द्वादश महालिंगेश्वर सिद्ध महापीठ विश्व के विशालतम शिवलिंग में से एक है। यह शिवलिंग यहां 12 ज्योतिर्लिंगों से स्पर्श कराकर स्थापित किया गया है ताकि शिवभक्तों को एक ही जगह सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सके। इसमें मुख्य सिद्धपीठों, तीर्थों की मिट्टी, मुख्य नदियों, सरोवर एवं पवित्र कुंडों का जल भी स्थापित है।

इस शिवलिंग के नीचे रुद्राक्ष, लौंग, स्फटिक, ताड़ पत्र, पिरामिड अभिमंत्रित यंत्र, सोने व चांदी के यंत्र, भोज पत्रों पर बने यंत्र समेत अनेक दिव्य सामग्रियां इसके अंदर स्थापित हैं। जिससे यहां दर्शन करने आए भक्तों को दिव्य ऊर्जा की प्राप्ति और मन में शांति का भाव पैदा होता है। आपको बता दें कि इस सिद्ध महापीठ का निर्माण विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मनजीत धर्मध्वज जी ने शिव प्रेरणा से कराया है। जबकि ज्योतिषाचार्य पवन पुत्र हनुमान के भक्त हैं। इस सिद्ध महापीठ में बारह ज्योतिर्लिंगों के साथ महालिंगेश्वर, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय एवं गणेश, कालभैरव और वीरभद्र भगवान की एक साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई है। भगवान महालिंगेश्वर की प्रसिद्धि के कारण अब दूर-दूर तक शिव भक्त यहां आते हैं और एक ही शिवालय में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने का सौभाग्य उनको प्राप्त होता है। सावन के महीने में सोमवार के दिन महालिंगेश्वर भगवान का विभिन्न प्रकार से शृंगार किया जाता है। सिद्ध महापीठ पर राष्ट्रहित के लिए विशेष तिथियों में अनुष्ठान और महाभिषेक भी किए जाते हैं। इस शिवलिंग में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था बसी हुई है।