आज भी पालकी में सफर कर रहा टपून

पंचायत के ऊपरी भाग में बसे सैकड़ों ग्रामीणों की सेहत रामभरोसे, पैदल चलने को हुए मजबूर

नगर संवाददाता-चंबा
टपून पंचायत के उपरी भाग में बसे सैकडों ग्रामीणों की सेहत राम भरोसे है। पंचायत के दर्जनों गांवों में आज भी मरीज को पालकी में डालकर इलाज के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर मंगला या फिर जिला मुख्यालय मेडिकल कालेज एवं अस्पताल लाना पड रहा है। आपात स्थिति में हालत ओर भी बदतर हो जाती है, जब समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने के चलते मरीज रास्ते में ही दम तोड देता है। गौरतलब है कि टपून पंचायत के ठेहडू, निचला टपूण, टपूण, डिब्बरी, धार, चनेली, हवला, भगोत, तलाई, गढ-गलू तथा परोंटा गांव के सैकडों की तादाद में ग्रामीण रहते है। मगर इनकी सेहत की जांच के लिए क्षेत्र में एक भी स्वास्थ्य संस्थान नहीं है। ग्रामीण अभी भी कई किलोमीटर पैदल चलकर उपचार लेने को मजबूर है। इलाकावासियों के अनुसार क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र का खुलना, समय की मांग बन गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि सुविधा के अभाव के कारण कई लोग अकाल मौत का ग्रास बन चुके है। सरकार ने वैसे तो स्वास्थ्य के नाम पर सुविधा के नाम पर मंगला में स्वास्थ्य केंद्र खोल रखा है। मगर इन गांवों से इसकी दूरी बहुत ज्यादा है। हर बार राजनीतिक दल चुनावों के समय मूलभूत सुविधाओं का वादा तो करते है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सारे वायदे हवा हो जाते है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि लोगों की इस जायज मांग पर गंभीरता के साथ विचार कर स्वास्थ्य संस्थान खोला जाए, ताकि क्षेत्र के लेागों को मंगला व चंबा की ओर रुख न करना पडे तथा नजदीकी संस्थान में वे अपना इलाज कर सकें।