बिजली बोर्ड में पेंशन पर अभी फैसला नहीं, 28 को सीएम ने बुलाए थे कर्मचारी, नहीं हुई बैठक

विशेष संवाददाता-शिमला

बिजली बोर्ड कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन पर फैसला नहीं हो पाया है। समूचे बोर्ड में ओल्ड पेंशन का संकट अभी भी बरकरार है। कर्मचारी लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने को लेकर भी सहमे हुए हैं। बिजली बोर्ड कर्मचारियों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 28 फरवरी को मुलाकात का समय दिया था, लेकिन राज्य में मचे सियासी घमासान के बीच यह मुलाकात भी टल गई। अब बिजली बोर्ड कर्मचारी आगामी एक या दो दिन में मुख्यमंत्री से इस विषय पर बात कर सकते हैं। फिलहाल, बिजली बोर्ड कर्मचारियों के लिए फरवरी में ओल्ड पेंशन लागू करने का अवसर गुजर गया है। मार्च में किसी भी समय आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके साथ ही मौजूदा बजट सत्र भी खत्म होने वाला है। ऐसे में बिजली बोर्ड कर्मचारियों के एनपीएस शेयर पर भी राज्य सरकार को जल्द ही फैसला लेना होगा। गौरतलब है कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों का एनपीएस शेयर अप्रैल 2023 से कट रहा है, लेकिन यह एनएसडीएल में जमा नहीं हो पाया है।

बिजली बोर्ड में 16 हजार कर्मचारी हैं जबकि 29 हजार पेंशनर्ज हैं। बिजली बोर्ड में एनपीएस कटौती के कुल 24 फीसदी के हिसाब से 60 करोड़ रुपए जमा हैं। इनमें 14 प्रतिशत शेयर नियोक्ता का है जबकि दस प्रतिशत शेयर कर्मचारियों का है। बिजली बोर्ड में कर्मचारी स्थायी एमडी की मांग कर रहे हैं। जबकि बिजली बोर्ड में राज्य सरकार ने हाल ही में संजय गुप्ता की नए अध्यक्ष के तौर पर तैनाती की है। बिजली बोर्ड कर्मचारी एसोसिएशन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से 28 फरवरी को मुलाकात होनी थी, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई है। अब मार्च माह की शुरुआत में एक बार फिर से मुख्यमंत्री से मुलाकात का प्रयास किया जाएगा। आदर्श आचार संहिता के लागू होने से पहले तक ही कर्मचारियों के पास ओल्ड पेंशन को लागू करवाने का अवसर है। जबकि इसके बाद ओल्ड पेंशन को लागू करना मुश्किल होगा।