लोकसभा चुनावों के लिए दलों की तैयारियां

हिमाचल में विधिवत चुनाव की घोषणा से पहले ही तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, जो राज्यसभा के सदस्य भी हैं और उनका राज्यसभा का कार्यकाल भी खत्म होने को है, चाहें तो लोकसभा का चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ सकते हैं, क्योंकि मंडी सीट अभी कांग्रेस के पास है। यहां पर भाजपा को एक मजबूत नेता चाहिए…

अयोध्या में भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा ने पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक ऐसे संदेश का काम किया है, जिससे लोगों का पार्टी के प्रति और उनके वादों के प्र्रति विश्वास और बढ़ गया है। देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों की घोषणा शीघ्र ही हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए तैयार है, ऐसा लग रहा है। पार्टी का नया नारा है ‘अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार’। यह नारा अपने आप में पार्टी की जनता के बीच मजबूत स्थिति को बयां करता है। 22 जनवरी को भगवान् श्री राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा या उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का दौरा शुरू कर दिया है, लेकिन इससे पूर्व, देश के गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा राज्यों का दौरा शुरू कर चुके हैं। अयोध्या नगरी की पूरी काया पलट हो गई है। भव्य एयरपोर्ट, रेलवे जंक्शन और सडक़ों को नया जीवन प्रदान किया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में किए हुए वादों को निभाने का पूरा प्रयास किया है।

श्री राम मंदिर का मुद्दा सबसे प्रमुख था, जो करोड़ों भारतीयों की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी या नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स को इसका चुनाव में भरपूर लाभ मिल सकता है। उधर कांग्रेस पार्टी और देश के दूसरे राजनीतिक दलों का गठबंधन, जिसे इंडि अलायन्स का नाम दिया गया है, अभी तक आपसी मतभेदों को सुलझाने में लगा है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार बहुत सी बातों को लेकर अंदर ही अंदर क्षुब्ध हैं। जैसे-जैसे चुनावों की घोषणा का समय नजदीक आएगा, इनमें कलह और बढ़ती जाएगी। 2023 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को अभूतपूर्व विजय मिली जिससे पार्टी का उत्साह और भी बढ़ गया है। उधर दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी को राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकारें खोनी पड़ी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को सत्ता वापस मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन जनता ने उन्हें सीधे-सीधे अस्वीकार कर दिया। इन विधानसभा चुनावों के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया कि मतदाता भारतीय जनता पार्टी से पूरी तरह खुश हैं। वर्ष 2024 भारत के लिए निर्णायक वर्ष है, क्योंकि इस वर्ष 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होंगे। इन चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसी तरह अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव इसी साल होने हैं। 2014 से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की अभूतपूर्व विजय इस बात का सबूत है कि लोग केंद्र में एक सुदृढ़ सरकार को लेकर एकमत हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में की गई घोषणाओं और वादों को निभाया है। चाहे वह महंगाई और बेरोजगारी को लेकर इतनी आक्रामक नहीं रही, लेकिन राम मंदिर का वादा उन्होंने निभा दिया, धारा 370 को हटाना, देश में आंतरिक सुरक्षा के नए मापदंड कायम करना और संसार में भारत देश का नाम इज्जत से लिया जाने लगा है। उसका सारा श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।

18वीं लोकसभा के लिए 543 सीटों के लिए चुनाव होंगे। आंध्र प्रदेश में 42, मध्यप्रदेश में 29, बिहार में 40, महाराष्ट्र में 48, पश्चिम बंगाल में 42, कर्नाटक में 28, उत्तर प्रदेश में 80 और राजस्थान में 25, केरल में 20 और गुजरात में 26 सीटें हैं जो बहुत निर्णायक हैं। बाकी के राज्यों में सीटों का अनुपात कम है। बहुत सालों से यह देखा गया है कि जो पार्टी उत्तर प्रदेश में चुनाव जीत लेती है, केंद्र में उसकी सरकार बनती है। यह कई बार साबित भी हो चुका है। नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स को इन राज्यों में अपनी बढ़त हासिल करनी होगी। इसलिए यह नारा कि अबकी बार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार, दिया गया है। उधर इंडि अलायन्स की यह कोशिश रहेगी कि मोदी सरकार की हैट्रिक न बनने दी जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी संख्या में अपने उमीदवार चुनाव में उतारेगी ताकि भारतीय जनता पार्टी के आंकड़ों को बिगाड़ा जा सके। पश्चिम बंगाल में 42 सीटों पर मुकाबला होना है। भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की सीधी टक्कर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने ग्रास रूट स्तर पर पिछले कई सालों से कार्य शुरू किया था और उसे अब भी उतनी ही गंभीरता से किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में, जिन्हें हिंदी बेल्ट या काऊ बेल्ट भी कहा जाता है, भारतीय जनता पार्टी को श्री राम मंदिर निर्माण जनता को समर्पित करने का पूरा लाभ मिलेगा। श्री राम हिंदुओं की आस्था का विषय हैं।

उधर हिमाचल में विधिवत चुनाव की घोषणा से पहले ही तैयारियां शुरू हो गयी हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा, जो राज्यसभा के सदस्य भी हैं और उनका राज्यसभा का कार्यकाल भी खत्म होने को है, चाहें तो लोकसभा का चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ सकते हैं, क्योंकि मंडी सीट अभी कांग्रेस के पास है। यहां पर एक मजबूत नेता चाहिए जो भारी बहुमतों से यह सीट जीत सके। कांग्रेस का भी पूरा प्रयास रहेगा इस सीट को जीतने का। दक्षिण भारत में चुनाव के अलग परिणाम हो सकते हैं इस बार। तेलंगाना में भले ही कांग्रेस पार्टी की सरकार बन गई हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को बढ़त हासिल हो सकती है। बिहार में क्योंकि आपसी कलह ज्यादा है, हो सकता है गठबंधन कुछ सीटों पर समीकरण बिगाड़ दे। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य केंद्र में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स की सरकार को तीसरी बार सत्ता हासिल करने से रोकना है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए में आने से मुकाबला रोचक होगा। कुल मिलाकर कहें तो इस बार लोकसभा के लिए कड़ी टक्कर होगी।

रमेश पठानिया

स्वतंत्र लेखक