मनरेगा मजदूरों को 127 करोड़ जल्द, मनरेगा कर्मचारी संघ और अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास का फैसला

31 मार्च तक जमा होगी रकम, मनरेगा कर्मचारी संघ और अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास का फैसला

स्टाफ रिपोर्टर — मोहाली

मनरेगा मजदूर यूनियन पंजाब (रजि) नं 06-12 और निदेशक ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के अतिरिक्त निदेशक संजीव गर्ग के बीच पंजाब के मनरेगा श्रमिकों की मांगों और मांगपत्र पर चर्चा की गई। मनरेगा मजदूर यूनियन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष साथी शेर सिंह फरवाही महासचिव साथी अमरनाथ कूमकलां वित्त सचिव साथी गुरनाम सिंह घनौर शामिल हुए, जिसमें 15 नवंबर से 18 मार्च तक मनरेगा श्रमिकों द्वारा किए गए कार्यों के लंबित भुगतान के 127 करोड़ रुपए 31 मार्च से पहले उनके खातों में जमा कर दिए जाएंगे। मनरेगा श्रमिकों की हाजिरी कार्य स्थल पर ही बनेगी। ऑनलाइन अटेंडेंस के साथ-साथ ऑफलाइन अटेंडेंस के लिए भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति जॉब कार्ड पर दर्ज की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रमिकों ने जो काम की मांग की है, उसकी रसीद दी जाए, इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र लिखा जाएगा।

मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी न्यूनतम मजदूरी के अनुसार 700 रुपए प्रतिदिन की जाए। अतिरिक्त निदेशक ने बताया कि हमने पंजाब सरकार से लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने कोरा जवाब दिया है। संघ के राज्य नेताओं ने मांग की कि जब तक केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी नहीं बढ़ाती है, तब तक कम से कम मनरेगा श्रमिकों को खेत श्रमिकों के बराबर 430.72 पैसे प्रति दिन का भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आपकी मांग के लिए पंजाब सरकार को पत्र जरूर लिखेंगे। मनरेगा मेटों को 100 दिन पूरे होने पर कोई दैनिक भत्ता नहीं दिया जा रहा है। अब माननीय अतिरिक्त निदेशक संजीव गर्ग ने स्वीकार किया कि मनरेगा मेट्स के 100 दिन पूरे होने के बाद उन्हें डीसी रेट की दैनिक मजदूरी दी जाएगी। मनरेगा मेट की नियुक्ति श्रमिकों की सहमति से की जाएगी। कम से कम 20 श्रमिकों पर एक मेट होगा। मनरेगा मेट की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी।