सियासत के पालने में आनंदपुर साहिब-नयनादेवी रोप-वे, सर्वेक्षणों से आगे नहीं बढ़ पाया काम

अश्वनी पंडित — बिलासपुर

धार्मिक पर्यटन निखार के मकसद से प्रस्तावित श्रीआनंदपुरसाहिब-नयनादेवी रोप-वे प्रोजेक्ट सर्वेक्षणों से आगे नहीं बढ़ पा रहा। एक दशक की अवधि बीतने के बाद भी यह प्रोजेक्ट सियासत के पालने में ही झूल रहा है। भाजपा सरकार के समय पंजाब सरकार के साथ बाकायदा एमओयू भी साइन हो चुका था, मगर सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जमीन पर खड़ा नहीं हो सका। फिर भाजपा के सत्ता में आने पर इस प्रोजेक्ट पर होमवर्क शुरू हुआ, लेकिन यह गति नहीं पकड़ पाया। सत्ता में आने पर कांग्रेस ने इस पर कसरत शुरू की है और हिमाचल की जमीन पर ही टोबा से प्रोजेक्ट को खड़ा करने की योजना बनी है। इस प्रोजेक्ट को पर्यटन के नए पंख कब लगेंगे, यह अभी भविष्य के गर्भ में है। लोकसभा चुनाव में जनता इस अहम प्रोजेक्ट पर राजनीतिक दलों के नेताओं से जबाव मांगेगी। बताया जा रहा है कि टूरिज्म डिपार्टमेंट की ओर से हायर ऊषा ब्रेको लिमिटेड दिल्ली की कंसल्टेंट टीम ने रेवन्यू अफसरों के साथ इस प्रोजेक्ट की एलाइनमेंट चैक की है। प्रारंभिक सर्वेक्षण के बाद आगे की कार्ययोजना बनेगी। ऐसे में चुनाव के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने की उम्मीद है।

जानकारी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के लिए पहले पंजाब सरकार ने श्रीआनंदपुरसाहिब के पास रामपुर में 13 एकड़ जमीन चयनित की है, जबकि हिमाचल में टोबा के पास 155 बीघा सरकारी जमीन चिन्हित की गई है। 2010-11 में तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में पंजाब राज्य के रामपुर से आनंदपुर-नयनादेवी रोपवे की योजना तैयार की गई थी। उस समय पंजाब व हिमाचल सरकारों के मध्य इस प्रोजेक्ट को लेकर समझौता ज्ञापन भी हुआ था, निर्माण कार्य में दोनों सरकारों की 50-50 फीसदी की भागीदारी सुनिश्चित की गई थी। उस दौरान इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को लेकर कवायद भी शुरू की गई और प्रारंभिक सर्वे भी करवाया गया। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ व कांग्रेस सरकार ने इस एमओयू को रद्द कर दिया और निर्णय लिया कि इस प्रोजेक्ट को पंजाब से नहीं, बल्कि प्रदेश की सीमा टोबा से नयनादेवी को बनाया जाएगा। उस समय सरकार ने इस योजना के निर्माण को लेकर तीन बार टेंडर भी किए थे, लेकिन कोई भी निवेशक आगे नहीं आया। (एचडीएम)

जल्द सिरे चढ़ेगा प्रोजेक्ट

कांग्रेस पार्टी की समन्वय समिति के सदस्य एवं पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए कवायद शुरू की गई है। हाल ही में प्रारंभिक सर्वे के तहत प्रोजेक्ट की अलाइनमेंट चैक की गई है। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से लिया है। आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट को मूर्तरूप दिया जाएगा। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह प्रोजेक्ट अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

सत्ता में आते ही देंगे गति

नयनादेवी के विधायक एवं भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकार के समय इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था। 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रद्द कर किया। पंजाब के बजाय हिमाचल में ही पीपीपी मोड के तहत टोबा से प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्णय लिया। भाजपा के सत्ता में आने पर इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जाएगा।