शिमला लोस. में मत प्रतिशतता में भाजपा आगे, 2019 में BJP को 66.24, तो कांग्रेस को मिले 30.45% मत

सूरत पुंडीर — नाहन

शिमला लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी गत तीन लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशतता में कांग्रेस से काफी आगे रही है। भारतीय जनता पार्टी के वोट बैंक में लगातार इजाफा हो रहा है। भले ही गत विधानसभा चुनाव में शिमला लोकसभा की कुल 17 सीटों में से भाजपा को केवल चार सीटें विधानसभा में मिली हैं, परंतु लोकसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशतता काफी आगे रहा। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस शिमला लोकसभा की 17 विधानसभा सीटों में से 13 सीटों पर गत विधानसभा चुनाव में विजयी रही है। ऐसे में भाजपा को अपना वर्ष 2019 का 66 प्रतिशत का वोट बैंक कायम रखने में कड़ी मेहनत करनी होगी। प्रदेश के दो मुख्य राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस के अलावा अन्य छोटे दलों की सरगर्मियां भी लोकसभा चुनाव को लेकर बढ़ गई हैं। भले ही अभी चुनाव मैदान में भारतीय जनता पार्टी के शिमला लोकसभा सीट से घोषित प्रत्याशी व वर्तमान सांसद सुरेश कश्यप के सामने कांग्रेस व अन्य दलों के कौन-कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में होंगे, यह स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है, गत तीन लगातार लोकसभा चुनाव 2009, 2014 व 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली है। शिमला लोकसभा सीट से कांगे्रस अभी अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं कर पाई है।

ऐसे में भाजपा इस बात का भी फायदा उठा रही है कि जब तक कांग्रेस के उम्मीदवार का ऐलान नहीं हो जाता, तब तक भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने सिरमौर से जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। गत तीन लोकसभा चुनाव की यदि बात की जाए, तो वर्ष 2009 से लगातार भारतीय जनता पार्टी का वोट प्रतिशत शिमला लोकसभा सीट में बढ़ रहा है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप विजयी रहे थे। वीरेंद्र कश्यप को 28 प्रतिशत मत मिले थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में वीरेंद्र कश्यप को 310946 मत प्राप्त हुए थे। कांग्रेस को 2009 में 25.63 प्रतिशत मत मिला था। कांग्रेस के कर्नल धनीराम शांडिल को 283619 मत मिले थे, परंतु उन्हें अपनी दो बार की सीट गंवानी पड़ी थी। कांग्रेस की ओर से वर्ष 2014 के चुनाव में फेरबदल किया गया तथा कर्नल धनीराम शांडिल के स्थान पर मोहन लाल ब्राक्टा को चुनावी मैदान में उतारा गया।

कांग्रेस के उम्मीदवार मोहन लाल ब्राक्टा को 2014 में 26.17 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। भाजपा के वीरेंद्र कश्यप को 385973 वोट, जबकि कांग्रेस के मोहन लाल ब्राक्टा को 301786 वोट मिले थे। गत 2019 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश भर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर चली, तो हिमाचल के चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा के सभी प्रत्याशी दो-दो लाख से भी अधिक मतों से विजयी रहे थे। शिमला लोकसभा बीते 2004 से पूर्व कांग्रेस का गढ़ रहा था। 2004 के चुनाव में कांग्रेस मत प्रतिशत में भाजपा से काफी आगे थी। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 43.4 प्रतिशत, हिमाचल विकास कांग्रेस को 52.78 प्रतिशत मत मिले थे। (एचडीएम)

2019 में बीजेपी को भारी समर्थन

शिमला लोकसभा के 2019 के चुनाव की बात की जाए, तो भारतीय जनता पार्टी को भारी समर्थन इस सीट से मिला था। भारतीय जनता पार्टी के सुरेश कश्यप को अब तक के शिमला लोकसभा के सर्वाधिक 6,06,182 वोट प्राप्त हुए थे। यह कुल मतों का 66.24 प्रतिशत था। कांग्रेस को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 33.45 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे।

2004 में शांडिल ने मारी थी बाजी

इससे पूर्व 2004 में धनीराम शांडिल कांग्रेस से विजयी रहे थे, जबकि 1999 के लोकसभा चुनाव में धनीराम शांडिल ने हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की। इस चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी का शिमला लोकसभा की 17 विधानसभा सीटों से 33.47 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।