लागू होगा CBT सिस्टम, CET फिलहाल नहीं, राज्य चयन आयोग के रूल्स ऑफ बिजऩेस नोटिफाई

कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के साथ ओएमआर कर भी विकल्प

अब पेपर लीक हुआ, तो केंद्रीय कानून के तहत होगी कड़ी कार्रवाई

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

हिमाचल में क्लास थ्री की सरकारी भर्तियों के लिए कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी लागू होगा। दीपक सानन कमेटी की सिफारिश के अनुसार कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सीईटी को अभी लागू नहीं किया जा रहा है। इस पर फैसला राज्य चयन आयोग सारी स्थितियों को देखते हुए लेगा। विकल्प के तौर पर अब भी ऑप्टिकल मार्क रीडर यानी ओएमआर सिस्टम को रखा गया है। राज्य चयन आयोग के लिए नोटिफाई किए गए रूल्स ऑफ बिजनेस में ये प्रावधान किए गए हैं। रूल्स ऑफ बिजऩेस जारी होने के बाद राज्य चयन आयोग अब पहले के आयोग की तरह सामान्य कामकाज शुरू कर सकेगा। आयोग ने पहले ही 30 मार्च, 2024 को कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के आधार पर ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट की परीक्षा रखी है। पायलट आधार पर यह परीक्षा भारत सरकार की एडसिल एजेंसी से करवाई जा रही है। रूल्स ऑफ बिजनेस के अनुसार ऑनलाइन परीक्षा के लिए एजेंसी तय की जाएगी या यह काम आउटसोर्स किया जाएगा।

हिमाचल में क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर इतना नहीं है, इसीलिए भर्ती परीक्षाएं अलग-अलग शिफ्ट में होंगी। यह प्रावधान नए नियमों में कर दिया गया है। हालांकि वेटिंग पैनल की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं है। इस बार रूल्स ऑफ बिजनेस को बनाते समय दीपक सानन कमेटी की रिपोर्ट में दी गई सिफारिश के अलावा लोक सेवा आयोग के रूल्स ऑफ बिजनेस को भी देखा गया है। नई बात यह है कि राज्य चयन आयोग में अब यदि कोई पेपर लीक का मामला आया तो कार्रवाई भारत सरकार के नए कानून के अनुसार होगी। इसी साल भारत सरकार ने दी पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स एक्ट-2024 बनाया है। इसके अनुसार यदि सर्विस प्रोवाइडर या आउटसोर्स एजेंसी ने पेपर लीक किया तो एक करोड़ का जुर्माना और चार साल के लिए प्रतिबंध का प्रावधान है। यदि किसी सरकारी अधिकारी या राज्य चयन आयोग के अफसर की संलिप्तता पेपर लीक में पाई गई तो 3 से 10 साल तक जेल का प्रावधान है। यदि पेपर लीक नेटवर्क बीच में पकड़ा गया तो भी 5 से 10 साल की जेल और एक करोड रुपए जुर्माना का प्रावधान इस कानून में है।