Chunav : प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप पर कांग्रेस की ‘नजर’

शिमला संसदीय सीट से चुनाव लड़वाने के आसार, नेताओं ने जमाया डेरा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-सोलन

भाजपा की टिकट पर दो बार शिमला संसदीय सीट के सांसद रह चुके प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप क्या कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा से दंश खाए प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप के ऊपर अब कांग्रेस के कुछ नेता डोरे डाल रहे हैं । वर्ष 2019 से पहले प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप दो बार भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरकर विजयी पताका फहरा चुके हैंं। वर्ष 2019 में दो बार लगातार विजयी रहने के उपरांत भी उनका टिकट काट दिया गया था तथा मोदी लहर के चलते सुरेश कश्यप को भाजपा की ओर से चुनाव लडऩे के लिए टिकट दिया गया। अब कांग्रेस ने अभी तक शिमला संसदीय सीट से पार्टी का चेहरा फाइनल नहीं किया है। चर्चा के अनुसार पच्छाद से दयाल प्यारी व शिमला से अमित नंदा का नाम प्रमुखता से पहले लिया जा रहा था तथा उसके बाद यकायक कमल सुल्तानपुरी का नाम भी सूची में शामिल हो गया ।

कमल सुल्तानपुरी शिमला संसदीय सीट से छह बार सांसद रह चुके हैं। स्व. केडी सुल्तानपुरी के पुत्र है तथा वर्तमान में कसौली निर्वाचन क्षेत्र के विधायक विनोद सुल्तानपुरी के भाई हैं । वह इस समय दिल्ली की केंद्र सरकार में उच्च पद पर कार्यरत है। पहले यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि कसौली से विधायक विनोद सुल्तानपुरी को यहां से चुनाव लड़वाया जाएगा, लेकिन प्रदेश राजनीति में हुई उथल-पुथल के चलते विधायक पर दांव खेलने में दोनों प्रमुख दलों के शीर्ष नेताओं ने कोई रुचि नहीं दिखाई। पता चला है कि भाजपा के अब एक हाई प्रोफाइल नेता प्रोफेसर वीरेंद्र कश्यप पर भी कांग्रेस की नजर टिक गई है। अब सब की निगाहें कांग्रेस आला कमान के ऊपर टिकी है कि क्या पार्टी अपने किसी नेता के ऊपर दांव खेलती है या फिर भाजपा की राह पर चलते हुए उन्हीं के किसी चेहरे पर किस्मत आजमाती हैं ।