किशोरों के इश्क पर अदालतों का जोर नहीं, पॉक्सो केस पर सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी

एजेंसियां — अमरावती

पॉक्सो से जुड़े एक केस पर सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की। जज ने कहा कि किशोरों के प्रेम को अदालतें नियंत्रित नहीं कर सकतीं। साथ ही उन्होंने पॉक्सो एक्ट का सामना कर रहे 21 साल के याचिकाकर्ता को भी जमानत दे दी। साथ ही उन्होंने ऐसे मामलों में जमानत देने में जजों से काफी सावधानी बरतने की बात भी कही है। बता दें कि पुलिस ने लडक़ी के परिवार की शिकायत पर लडक़े के खिलाफ पॉक्सो के तहत केस दर्ज कर लिया था।

बिना तलाक लिव इन में नहीं रह सकती विवाहिता

इलाहाबाद हार्इ कोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में कहा है कि हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार यदि पति-पत्नी जीवित हैं और तलाक नहीं लिया गया है, तो उनमें से कोई दूसरी शादी नहीं कर सकते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून के विरुद्ध संबंधों को न्यायालय का समर्थन नहीं मिल सकता। इसी के साथ कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहिता की याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल ने कासगंज की एक विवाहिता व अन्य की याचिका खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि विवाहित महिला पति से तलाक लिए बिना किसी अन्य के साथ लिव इन में नहीं रह सकती।