टांसिल्स के कारण

बढ़े हुए टांसिल्स के कारण आपको खाने-पीने में तकलीफ होने लगती है। जहां छोटे टांसिल्स बहुत ज्यादा तकलीफ नहीं देते, वहीं दूसरी ओर बढ़े हुए टांसिल्स के कारण खाने-पीने की चीजें निगलने में भी परेशानी होने लगती है। इसके कारण आपको बार-बार साइनस और कान में इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है…

टांसिल्स होने पर गले के दोनों ओर सूजन आ जाती है। शुरुआत में मुंह के अंदर गले के दोनों ओर दर्द महसूस होता है, बार-बार बुखार भी आता है। टांसिल्स सामान्य से ज्यादा लाल हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि टांसिल्स के कारण आपको कई अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी घेर सकती हंै। अगर आपको विश्वास नहीं हो रहा हो, तो आइए ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में जानते हंै, जो टांसिल्स के कारण आपको हो सकती हैं।
सांसों की बदबू
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, दुनिया की आधी आबादी मुंह की सफाई न करने के कारण, मुंह की बदबू से ग्रस्त है। क्या आप जानते हैं कि टांसिल्स की समस्या होने पर भी सांसों से बदबू आने लगती है। टांसिल्स ग्लैंड चुभने वाले और दरारों से भरे होते हंै। जहां बैक्टीरिया और डेड सैल्स अटक जाते हैं और सांसों से बदबू आने लगती है।
खराटों की समस्या
गले में बढ़े हुए टांसिल्स के कारण आपको खराटों की समस्या हो सकती है। अमरीकन अकादमी ऑफ ओटालयनोलॉजी के अनुसार, बढ़े हुए टांसिल्स से खराटों की समस्या हो सकती है। जब बार-बार होने वाले संक्रमण या किसी जन्मजात कारण टांसिल्स का आकार बढऩे लगता है, तो बढ़े हुए आकार के कारण गले में हवा के बहाव में रुकावट आने लगती है, जिससे खराटों की समस्या होती है।
निगलने में परेशानी
बढ़े हुए टांसिल्स के कारण आपको खाने-पीने में तकलीफ होने लगती है। जहां छोटे टांसिल्स बहुत ज्यादा तकलीफ नहीं देते, वहीं दूसरी ओर बढ़े हुए टांसिल्स के कारण खाने-पीने की चीजें निगलने में भी परेशानी होने लगती है। अगर आपको किसी एलर्जी या वायरस की समस्या नहीं है, तो आपको टांसिल्स के कारण कुछ भी निगलने में तकलीफ होने लगती है।
साइनस इन्फेक्शन
बढ़े हुए टांसिल्स के कारण आपको बार-बार साइनस और कान में इन्फेक्शन की समस्या भी हो सकती है। ऐसा नाक और कान को जोडऩे वाली नली बंद हो जाने के कारण होता है। कभी-कभी पर्दे से छेद होकर मवाद बाहर बहने लगता है। इससे सुनने की क्षमता कम होने लगती है। बढ़े हुए टांसिल्स के कारण सोते समय सांस लेने में भी परेशानी होने लगती है। नींद में इस तरह का खलल आने से ब्रेन तक सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पहुंच पाती है।