रिश्तेदारों को बांट दिए महंगे प्लाट, पद के दुरुपयोग पर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने दबोचे छह अधिकारी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम (पीएसआईईसी) के छह अधिकारियों एसपी सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त) जसविंदर सिंह रंधावा महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त) अमरजीत सिंह काहलों संपदा अधिकारी (सेवानिवृत्त) विजय गुप्ता वरिष्ठ सहायक (सेवानिवृत्त) दर्शन गर्ग सलाहकार (सेवानिवृत्त) और स्वतेज सिंह एसडीओ (सेवानिवृत्त) इत्यादि के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इन आरोपियों पर आरोप है कि इन अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और रिश्तेदारों को गलत तरीके से महंगे औद्योगिक भूखंड अबंंटित किए, जिससे सरकार को 8,72,71,666 करोड़ रुपए की वित्तीय हानि हुई। इस मामले में निगम के दो सेवानिवृत्त अधिकारी मुख्य महाप्रबंधक (संपदा) एसपी सिंह और महाप्रबंधक (कार्मिक) जसविंदर सिंह रंधावा को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने मामले की और जांच के लिए विजिलेंस को चार दिन का रिमांड दे दिया है।

बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि पीएसआईईसी द्वारा औद्योगिक भूखंडों के आबंटन के समय निर्धारित निर्देशों का पालन नहीं किया गया। निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से महंगे औद्योगिक भूखंडों को अपने रिश्तेदारों, मत्रों, श्तिेदारों को वितरित किया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए की वित्तीय हानि हुई है। इस घोटाले को दबाने के लिए उक्त आरोपियों ने आपसी मिलीभगत से इन भूखंडों के अवैध आबंटन से संबंधित कुछ सरकारी फाइलें भी गुम कर दी हैं। उक्त निगम में शून्य प्रतिशत ब्याज निर्धारित करने के संबंध में नीति में कोई प्रावधान नहीं है, हालांकि निगम के प्रबंध निदेशक की दिनांक 01-08-2000 की नोटिंग तथा निदेशक मंडल द्वारा 08-02-2005 को पारित प्रस्ताव के अनुसार माफी दे दी गई थी, लेकिन ये दोनों आदेश सरकार द्वारा अधिसूचित नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि महाप्रबंधक कार्मिक जसविंदर सिंह रंधावा ने अपने करीबी रिश्तेदार, मित्र-अज्ञात व्यक्ति के नाम पर भूखंड आबंटित किए। एसपी सिंह मुख्य महाप्रबंधक संपदा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निगम के औद्योगिक भू-खंडों के आबंटन और कब्जे को गलत तरीके से बदल दिया।