ग्रेजुएशन थर्ड ईयर में इंटर्नशिप जरूरी, UGC ने सभी शिक्षण संस्थानों को जारी किए निर्देश

स्टाफ रिपोर्टर — शिमला

अब ग्रेजुएशन के छात्रों को अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप करनी ही होगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की एक नई ड्राफ्ट गाइडलाइन बनाई है। नई ड्राफ्ट गाइडलाइन के मुताबिक ग्रेजुएशन कोर्सेज में पढऩे वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप करनी होगी और उन्हें इसके लिए क्रेडिट भी मिलेगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के अनुरूप ग्रेजुएट छात्रों की ट्रेनिंग और रिसर्च ट्रेनिंग के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा गत शनिवार को जारी किया गया है। एनईपी छात्रों को एक्सपेरिमेंटल एजुकेशन में सक्रिय भागीदारी के अवसर प्रदान करने के लिए ग्रेजुएशन कोर्स में रिसर्च और ट्रेनिंग को शामिल करने पर जोर देती है। वर्तमान में, इंटर्नशिप सभी ग्रेजुएशन कोर्सेज के लिए अनिवार्य नहीं है।

ये ज्यादातर टेक्निकल और कमिर्शियल कोर्सेज तक ही सीमित है। नए मसौदे के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फे्रमवर्क और ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए सिलेबस और क्रेडिट फे्रमवर्क (सीसीएफयूपी) के तहत 3 साल की यूजी डिग्री, 4 साल की यूजी डिग्री (ऑनर्स), 4 साल की यूजी डिग्री (रिसर्च के साथ ऑनर्स) के जरूरी न्यूनतम 120 से 160 क्रेडिट में से कम से कम 2 से 4 क्रेडिट ट्रेनिंग के लिए आबंटित किए जा सकते हैं। यूजी डिग्री कोर्स में नामांकित छात्रों के लिए चौथे सेमेस्टर के बाद 60 से 120 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी।