आधार से छेड़छाड़ कर अपने नाम करवाई जमीन, पीडि़त ने नूरपुर थाने से दर्ज करवाई ऑनलाइन शिकायत

तहसीलदार के सामने मामला उजागर कर वापस ली जमीन

राजस्थान में पौंग विस्थापित के मुरब्बे पर कब्जा, माफिया ने फर्जी कागज बनाकर फोन पर भेज दी रजिस्ट्री की कॉपी

निजी संवाददाता-राजा का तालाब

राजस्थान में पौंग विस्थापितों के साथ लगातार हो रहे भू-संबंधी फर्जीवाड़े में एक और विस्थापित को पीड़ा झेलनी पड़ी है । फर्जीवाड़े में मृतक पौंग बांध विस्थापित की भूमि को जालसाज द्वारा हड़पने का मामला सामने आया है। मृतक तारा के पुत्र रघुबीर सिंह निवासी गांव धनेटी भूरियां डाकघर सुखार ने इस बारे में अपने वकील के जरिए नूरपुर से पुलिस स्टेशन तनोट जिला जैसलमेर राजस्थान में 26 फरवरी को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई । शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पिता तारा पुत्र लक्खू को चक 7 आरएमएसएम में मुरब्बा नंबर 199.48 तहसील रामगढ़ एसी न्यू जैसलमेर राजस्थान में दिसंबर 2016 को आबंटित हुआ था। ऐसे में काश्तकार हल्ले खान ने मुरब्बे को बीजना शुरू कर दिया। सात फरवरी, 2022 को उसके पिता की मृत्यु हो गई। कोरोना और घर की विपरीत परिस्थितियों के चलते वो मुरब्बे में नहीं जा सके। 25 फरवरी, 2024 को काश्तकार हल्ले खान का पौंग बांध विस्थापित सुरिंद्र चौधरी को फोन आया कि स्व.तारा के मुरब्बे पर बाबू राम पुत्र किशना राम जाट निवासी कोलूतला तहसील रामगढ़ जिला जैसलमेर ने कब्जा कर लिया है।

सुरिंद्र चौधरी ने इसकी सूचना स्व. तारा के पुत्र रघुवीर सिंह को दी। रघुवीर सिंह के अनुसार उसे व्हाट्सऐप पर काश्तकार ने फर्जी रजिस्ट्री की कॉपी भेजी। तदोपरांत रघुवीर सिंह ने 26 फरवरी, 2024 को अपने वकील के जरिए तनोट पुलिस स्टेशन में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा दी । इस दौरान 29 फरवरी को राजस्थान में वहां के तहसीलदार से मिलकर अपने मुरब्बे के दस्तावेज दिखाए। उन्होंने मामले को गंभीरता से देखा तो इसमें फर्जीवाड़ा पाया गया। इस बीच चार मार्च, 2024 को कब्जे वाले फर्जीवाड़े को खारिज किया, जबकि शाम सात बजे रघुवीर सिंह को दोबारा मुरब्बे का कब्जा देकर उनका हक वापस दिलवाया। रघुवीर सिंह ने बताया कि एक महिला तारा देवी के आधार कार्ड को अटैच करके उनके पिता के मुरब्बे वाले नाम तारा के आगे देवी लिख दिया, जबकि फर्जीवाड़े में पुत्र की जगह वाइफ ऑफ लक्खू राम कर दिया और मुरब्बे के कागजात एवं दस्तावेज तैयार कर लिए। उन्होंने व उनके भाइयों हरनाम सिंह, करतार सिंह व श्याम लाल ने प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार व केंद्र सरकार से मांग की है कि इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ।