धनबल की हार और जनबल की जीत होगी, पार्टी छोडऩे वाले पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी से मुलाकात के बाद बोले CM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पार्टी छोडऩे वाले पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी से मुलाकात के बाद बोले

विशेष संवाददाता — शिमला

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि आगामी चुनाव में धनबल की हार होगी और जनबल की जीत होगी। पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी से मुलाकत की फोटो शेयर करते हुए यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी से मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के दौरान मंडी जिले की राजनीति और सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की धनबल वाली सोच को जनबल की ताकत से हराने के लिए एकजुट हैं। दूसरी तरफ इस मुलाकात को लेकर प्रदेश में एक नई सियासी चर्चा छिड़ गई है। राजनीति में दरवाजे कभी बंद नहीं होते। यह बात प्रदेश के सियासतदानों पर बिलकुल सही बैठ रही है।

कभी बगावत कर पार्टी छोडऩे और निर्दलीय पूर्व विधायक भाजपा की दहलीज पार कर आए हैं, तो कांग्रेस से नाराज नेता अब इसी चौखट से घर वापसी की तैयारी में हैं। फिलहाल, प्रदेश की राजनीति में मचे इस तूफान का असर अब कुनबे बचाने की कवायद के रूप में देखने को मिल रहा है। एक-दूसरे की पार्टी में खुद को असहज महसूस कर रहे नेता अब वापसी के दरवाजे तलाश रहे हैं। ऐसे में साफ है कि देर-सवेर पुराने साथियों की वापसी होगी, तो कांग्रेसी खेमे में वे नेता भी नजर आ सकते हैं, जो कांग्रेस के बागी विधायकों की भाजपा में ताजपोशी से नाराज चल रहे हैं।

कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं पूर्व मंत्री

मंडी के बल्ह विधानसभा से पूर्व मंत्री और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रकाश चौधरी भी कांग्रेसी खेमे में वापसी कर सकते हैं। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था, लेकिन अब बनते-बिगड़ते समीकरणों के बीच उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बड़े मायने लगाए जा रहे हैं। सांसद प्रतिभा सिंह लोकसभा का चुनाव लडऩे से इंकार कर चुकी हैं और इस स्थिति अब कांग्रेस यहां बड़ा दंाव चलने की तैयारी में है। हालांकि मुख्यमंत्री से इस मुलाकात के राज अभी गहरे हैं और दोनों नेताओं के बीच हुए सियासी वार्तालाप से ज्यादा कुछ बाहर नहीं आया है।

गगरेट में राकेश कालिया ने भी छोड़ी भाजपा

इससे पूर्व गगरेट से राकेश कालिया ने भी भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। राकेश कालिया कांग्रेस के सचिव पद पर थे और गगरेट से तीन बार विधायक रह चुके थे, लेकिन 2022 में कांग्रेस ने उनकी टिकट काटकर चैतन्य शर्मा को मैदान में उतार दिया। इससे नाराज होकर कालिया ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था, लेकिन अब गगरेट से चैतन्य शर्मा की भाजपा के एंट्री के बाद वह भाजपा के दरवाजे से बाहर निकल गए हैं। गगरेट में उपचुनाव के लिए इसे कांग्रेस का एक और दांव माना जा रहा है।