प्रधानमंत्री के काफिले के तीन वाहनों की पंजीकरण अवधि बढ़ाने से एनजीटी का इनकार

डीजल वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दिया हवाला

10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर दिल्ली में है रोक

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जरूरी तीन डीजल से चलने वाले विशेष बख्तरबंद वाहनों के पंजीकरण को बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। एनजीटी की मुख्य पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डा. ए सेंथिल वेल ने अपने आदेश में एसपीजी के आवेदन को खारिज कर दिया। उन्होंने इसे खारिज करने का कारण अक्तूबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बताया। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर की सडक़ों पर 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई थी। पीठ ने कहा कि हम इस तथ्य से अवगत हैं कि ये तीन वाहन विशेष प्रयोजन वाले वाहन हैं, जो आम तौर पर उपलब्ध नहीं होते हैं और ये वाहन पिछले 10 वर्षों में बहुत कम चले हैं और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट उद्देश्य के लिए जरूरी हैं, लेकिन माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर याचिका मंजूर नहीं की जा सकती और इसे उसी तरह खारिज किया जाता है।

गौर हो कि 2013 में निर्मित और दिसंबर 2014 में पंजीकृत तीन रेनो एमडी-5 विशेष बख्तरबंद वाहनों ने पिछले नौ वर्षों में क्रमश: सिर्फ 6000 किलोमीटर, 9500 किलोमीटर और 15000 किलोमीटर की दूरी तय की है, क्योंकि इनका इस्तेमाल सिर्फ विशिष्ट सामरिक मकसद के लिए किया जा रहा है। हालांकि इसका पंजीकरण दिसंबर 2029 तक 15 साल की अवधि के लिए होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश के मुताबिक 10 साल पूरे होने पर दिसंबर 2024 में इन डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।