भारत में इससे पहले कभी नहीं बना ऐसा उपकरण, पर NIT हमीरपुर के छात्रों ने कर दिखाया

सुरेंद्र ठाकुर—हमीरपुर

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर से पासआउट दो छात्रों ने हिमाचल की सीएम स्र्टाटअप योजना के तहत एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो दृष्टिहीनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। दृष्टिहीन लोग इस डिवाइस के माध्यम से बिना दृष्टि के भी वह सब देख पाएंगे, जिसे वे सुन रहे होंगे। कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग दोहरी डिग्री कार्यक्रम के तहत एनआईटी से स्नातक कर पासआउट हुए छात्र ऋषभ धेकवंत और उत्कर्ष चौरसिया द्वारा बनाया गया का यह डिवाइस अपने आप में अद्भुत है।

बताया जाता है कि भारत में आज तक ऐसा डिवाइस किसी ने नहीं बनाया। इस डिवाइस को आंखों और कान में लगाने पर जो भी सामने घटित होता है वह सीधा इस डिवाइस के माध्यम से वर्णित होकर दृष्टिहीनों के कानों में सुनाई देता है और आंखों के भीतर उसका पूरा चित्रण हो जाता है। बताते हैं कि ऐसा डिवाइस देश में तो नहीं है, यह केवल विदेश से ही यह मिल सकता है। इस स्टार्टअप स्कीम को शुरू करने के साथ ही एनआईटी के यह पूर्व छात्र महाराष्ट्र में करीब 26 ब्लाइंड बच्चों को यह डिवाइस उपलब्ध करवा चुके हैं। वहां के जस्टिस समेत कुछ चुनिंदा लोगों की ओर से ऐसे ब्लाइंड बच्चों को यह डिवाइस देने के लिए राशि को इक्कठा करके डोनेट किया जा रहा है।

क्या कहता है एनआईटी प्रबंधन
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक प्रो. एचएम सूर्यवंशी, रजिस्ट्रार डा. अर्चना नानोटी का कहना है कि ओकुलोसेंस की उपलब्धियां हमारे वर्तमान छात्रों और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। हमें विश्वास है कि वे निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन करते रहेंगे और नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे।