देश के सबसे लंबे पुल का हिस्सा ढहा, बिहार में कोसी नदी पर हो रहा था निर्माण, मजदूर की मौ*त

सुपौल। बिहार में सुपौल जिले के बकौर और मधुबनी जिले के भेजा को जोडऩे वाले कोसी नदी पर निर्माणाधीन देश के सबसे लंबे पुल का एक हिस्सा आज चंदेल मरीचा के निकट ढह जाने से एक मजदूर की मौत हो गई तथा नौ अन्य घायल हो गए। जिलाधिकारी कौशल कुमार ने शुक्रवार को यहां बताया कि सुपौल जिला के चंदेल मरीचा के पास निर्माणाधीन पुल के पियर (पुल के दो खम्भों के बीच का हिस्सा) संख्या 153 और 154 ढह गए। इस दुर्घटना में 10 लोग घायल हो गए।

घायलों को अस्पताल ले जाने के क्रम में एक मजदूर की मौत हो गई। अन्य घायलों को सदर अस्पताल सुपौल में भर्ती कराया गया है। श्री कुमार ने बताया कि मृतक और घायलों के परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तीन प्रतिष्ठित ब्रिज विशेषज्ञों ए. के. श्रीवास्तव, पूर्व एडीजी एमओआरटीएच महेश टंडन और जी. एल. वर्मा को दुर्घटना के कारण का आकलन करने और आवश्यक उपचारात्मक उपाय करने के लिए साइट पर भेजा गया है। श्री अनिल चौधरी सहित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वरिष्ठ अधिकारी, सदस्य (परियोजनाएं) मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए साइट पर पहुंच गए हैं। इस बीच स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि निर्माणाधीन पुल की गुणवत्ता बेहद घटिया है, जिससे यह ढह गया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह घटना बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का एक ज्वलंत उदाहरण है। उल्लेखनीय है कि 10.2 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण केंद्रीय एजेंसियों द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत 1200 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। निर्माण वर्ष 2023 तक पूरा होना था। हालांकि कोविड और बारहमासी बाढ़ के कारण इसके पूरा होने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। सुपौल के बकौर से मधुबनी जिले के भेजा तक बन रहे इस पुल के बन जाने से सुपौल और मधुबनी के बीच की दूरी 30 किमी कम हो जाएगी।