दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दुनिया को दो अहम संदेश दिए। सुबह-सुबह साबरमती आश्रम पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी ने शांतिदूत भारत का संदेश दिया, तो वहीं शाम को राजस्थान के पोखरण में शक्तिदूत भारत का भी मैसेज दिया। इन दोनों ही संदेशों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को ये अहसास कराया है कि भारत जितना शांति का उपासक है, उतना ही शक्तिशाली भी। उन्होंने ये भी बताया कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर देश बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात दौरे पर सबसे पहले अहमदाबाद से दस वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, उसके बाद पीएम साबरमती में महात्मा गांधी के आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने बापू की प्रतिमा को फूल चढ़ाए साथ ही यहां उन्होंने एक पौधा भी लगाया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बापू का आश्रम हमेशा ऊर्जा का केंद्र रहा है।
हम अक्सर प्रेरणा लेने के लिए यहां पसंद करते हैं। पूरी दुनिया को ये जगह शांति और संघर्ष का संदेश देती है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के साथ जैसलमेर के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में ‘भारत शक्ति’ अभ्यास के साक्षी बने। यह अभ्यास स्वदेशी हथियारों की मारक क्षमता और तीनों रक्षा बलों की परिचालन तत्परता को प्रदर्शित कर रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारा पोखरण एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता, भारत के आत्मविश्वास और भारत के आत्मगौरव की त्रिवेणी का साक्षी बना है।