प्रो. धूमल की शरण में राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल

दोनों को नड्डा-जयराम के बाद अब प्रो. धूमल से चाहिए आशीर्वाद

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — हमीरपुर

प्रदेश में गर्मी ने अभी भले ही सही तरीके से दस्तक न दी हो, लेकिन यहां सियासी पारा चढ़ा हुआ जरूर नजर आ रहा है। शुक्रवार का दिन प्रदेश की सियासत खासकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृहजिले में एक ओर जहां यादगार बन गया, वहीं राजनीति की नई तस्वीर और कहानी भी बयां कर गया। जैसा कि सबको पता है कि सुजानपुर और बड़सर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन-तीन बार के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल पिछले दिनों कांग्रेस को छोडक़र भाजपा में शामिल हो चुके हंै। गुरुवार को वे अपने-अपने हलकों में पहुंचे, तो प्रोटोकॉल के अनुसार भाजपा पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शुक्रवार को दोनों पूर्व विधायक पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल से मिलने और आशीर्वाद लेने उनके घर समीरपुर पहुंचे। दोनों नेताओं का समीरपुर पहुंचना राजनीति के अध्याय का वो घटनाक्रम था, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की हो। दरअसल वर्ष 2017 के बाद से राजेंद्र राणा खुद को ऐसे फेमस चेहरे के रूप में देख रहे थे, जिन्होंने भाजपा के संभावित मुख्यमंत्री को हराया था। सियासी मंचों पर जहां राणा ने पूर्व मुख्यमंत्री पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वहीं धूमल समर्थक भी कभी राणा पर सियासी हमला करने से पीछे नहीं हटे।

आज वही राणा ऊपर से आशीर्वाद लेकर भाजपा के पूरे दल-बल के साथ अपने राजनीतिक गुरु प्रो. धूमल का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी दहलीज तक आ पहुंचे। राणा ने बाकायदा धूमल साहब के चरण स्पर्श किए। अब सवाल उठता है कि जिस तरह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर राजेंद्र राणा समेत कांग्रेस के सभी पूर्व विधायकों को अपना आशीर्वाद दे चुके हैं, उसी तरह क्या पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने भी ‘विजयी भव:’ का आशीर्वाद उन्हें दिया होगा। वहीं, इंद्रदत्त लखनपाल, जो कि कांग्रेस की उस मुख्य कड़ी सेवादल का अहम हिस्सा रहे हैं, जो पार्टी की रीढ़ कही जाती है। हो सकता है उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को डायरेक्ट कोई नुकसान न पहुंचाया हो, लेकिन उन्होंने भी उस हलके पर सेंधमारी की है, जहां बलदेव शर्मा रूपी प्रो. धूमल के हनुमान विराजमान हैं।

लोगो को सीएम की फिक्र

दूसरी ओर यह देखकर भी हैरानी हो रही है कि हमीरपुर की आम जनता जहां अपने मुख्यमंत्री के लिए परेशान और बेचैन हंै, वहीं यहां ओहदा लिए बैठे कांग्रेस के नेता खामोश नजर आ रहे हैं। गुरुवार को हमीरपुर में इतना बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ, लेकिन किसी ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी। हमीरपुर के लोग अपने मुख्यमंत्री के साथ खड़े नजर आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं का पूरा फोकस अपनी टिकटों पर केंद्रित है।

लोकसभा संग विधानसभा उपचुनाव जीतने का प्लान

ऊना — प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों की घोषणा के साथ ही भाजपा चुनावी मोड में आ गई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को भाजपा प्रदेश एवं संसदीय क्षेत्र चुनाव प्रबंधन समिति की अहम बैठक जिला ऊना मुख्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सहप्रभारी संजय टंडन, प्रदेश महामंत्री संगठन सिद्धार्थन, महामंत्री प्रो. सिकंदर कुमार, बिहारी लाल शर्मा भी उपस्थित रहे।