पेंशनरों को छह फीसदी ब्याज सहित दें वित्तीय लाभ, HC ने सरकार को छह हफ्ते का दिया समय

कहा, वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ रोकना गलत

विधि संवाददाता- शिमला

प्रदेश हाई कोर्ट ने एचपी सचिवालय और इससे संबंधत्ता रखने वाली पेंशनर कल्याण एसोसिएशन के सदस्यों को छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ छह फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए। कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि छह फीसदी ब्याज सहित देने को कहा है। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने प्रार्थी एसोसिएशन की याचिका को स्वीकारते हुए यह आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ न तो रोक सकती है और न ही देने से इनकार कर सकती है। सरकार संसाधनों की कमी के नाम पर पेंशनरों के लाभ अनिश्चितकाल तक प्रतिबंधित भी नहीं कर सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि एक बार किसी सेवारत अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारी के पक्ष में वित्तीय लाभ कानूनी रूप से उत्पन्न हो जाएं, तो उन्हें अनिश्चितकाल के लिए न तो रोका जा सकता है और न ही उनमें कोई संशोधन कर कम किया जा सकता है। सरकार कानूनी रूप से अपने वादों को पूरा करने के लिए बाध्य होती है इसलिए वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर वित्तीय लाभ नहीं रोके जा सकते। प्रार्थी एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि उन्हें छठेे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए गए हैं।

एसोसिएशन का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी, 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए। इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को पहली जनवरी, 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की। एसोसिएशन का कहना था कि वे भी संशोधित वेतन मान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं क्योंकि वे पहली जनवरी, 2016 के पहले व बाद में सेवानिवृत्त हुए थे। 25 फरवरी, 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर पहली जनवरी, 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों की डीसीआर ग्रेच्यूटी की सीमा दस लाख से 20 लाख कर दी थी। 17 सितंबर, 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान पांच किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया। प्रार्थियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जो कर्मचारी पहली जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2022 के बीच सेवानिवृत हुए हैं उन्हें वित्तीय लाभ पांच किश्तों में और जो पहली मार्च, 2022 से बाद सेवानिवृत हुए हैं उन्हें सभी लाभों का बकाया एक साथ किया जाए।