बागी विधायकों की सैलरी 27 फरवरी से बंद; 2.10 लाख मासिक वेतन गया, अब मिलेगी इतनी पेंशन

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के बाद विधानसभा के भीतर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण डिसक्वालिफाई हुए कांग्रेस के छह विधायकों की सैलरी 27 फरवरी, 2024 से बंद कर दी गई है। इसी दिन स्पीकर में उनके खिलाफ डिसक्वालिफिकेशन का ऑर्डर दिया था। इसी ऑर्डर के आधार पर विधानसभा सचिवालय ने यह कार्रवाई की है। कांग्रेस के विधायक रहे सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो अयोग्य घोषित होने के बाद से अभी हिमाचल वापस नहीं लौटे हैं।

उनकी वापसी के बाद ही तय होगा कि वे चुनाव लडऩा चाहते हैं या सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस में कुछ जान बाकी है? लेकिन अब ये विधायक नहीं रहे हैं और इसी कारण इनकी सैलरी भी बंद कर दी गई है। विधायकों का मासिक वेतन 2.10 लाख रुपए महीना है। विधायकों को अब वेतन पर इनकम टैक्स भी खुद भरना पड़ता है, जो पहले सरकार अदा करती थी। हालांकि विधायकों को चार लाख रुपए फ्री ट्रैवल फैसिलिटी वेतन से अलग भी अतिरिक्त मिलती है।

36,000 रुपए बेसिक पेंशन, 159 फ़ीसदी महंगाई भत्ता

वर्तमान कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपए महीना की दर से मिलेगी। पेंशन का वर्तमान में फार्मूला 36,000 रुपए बेसिक और 159 फ़ीसदी महंगाई भत्ते का है। अयोग्य घोषित करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में विधानसभा सचिवालय को अब अपना जवाब भी दायर करना है, लेकिन जब तक फैसला रद्द नहीं हो जाता या स्टे नहीं हो जाता, तब तक इनकी सदस्यता और वेतन बहाल नहीं होगा। यदि अगली सुनवाई से पहले ही ये भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, तो भी पेंशन ही लगेगी। ऐसी स्थिति में इनके विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला, सुजानपुर, बड़सर, लाहुल-स्पीति, गगरेट और कुटलैहड़ में खाली हो जाएंगे और यहां उपचुनाव होंगे।