राज्यों के पास तो अधिकार ही नहीं, CAA पर अमित शाह ने स्पष्ट की स्थिति, अनुच्छेद 11 में क्या?

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए पर गृह मंत्री ने पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है। विपक्षी दलों के लगातार हमलोंं के बीच अमित शाह ने इसे मुस्लिम विरोधी कऱार दिए जाने की आलोचना की। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में श्री शाह से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के उस आरोप का जवाब पूछा गया था कि सीएए एंटी मुस्लिम है।

इस पर अमित शाह ने कहा कि इस आरोप का तर्क क्या है? मुसलमानों की धार्मिक प्रताडऩा इसलिए नहीं हो सकती, क्योंकि वे तीनों देश (अफग़़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश) घोषित रूप से इस्लामी देश हैं, तो वहां धार्मिक प्रताडऩा कौन करेगा इस्लाम के अनुयायियों के साथ? उन्होंने बताया कि इस क़ानून में प्रताडऩा को मानदंड बनाया गया है। हालांकि उनसे जब कहा गया कि अमरीका तो किसी को भी नागरिकता देता है, तो अमित शाह ने कहा कि हम भी देते हैं, अप्लाई करें वो। जब अमित शाह से पूछा गया कि तीन राज्यों के मुख्यमंत्री सीएए को लागू करने से इनकार कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कानून को लागू न करने का अधिकार राज्यों के पास है ही नहीं। इसे लागू करने की प्रक्रिया भारत सरकार से जुड़े अधिकारी ही पूरा करेंगे। यह केंद्र का विषय है। संविधान के अनुच्छेद 11 में नागरिकता के बारे में कानून का अधिकार सिर्फ भारत की संसद को दिया गया है। यह केंद्र और राज्यों का साझा विषय नहीं है।