महिला दिवस का औचित्य…

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सारी दुनिया में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत बेशक विदेशों से हुई हो, लेकिन भारत में भी अब इस पर विभिन्न प्रोग्रामों का आयोजन किया जाने लगा है। समय के साथ भारत की महिलाओं की दशा और सोच में काफी बदलाव आया है। आज भारत की नारी भी हर क्षेत्र, चाहे वो राजनीति का हो, सामाजिक हो या फिर अन्य, में अपना वर्चस्व कायम कर रही है।

हमारे देश में बहुत-सी लड़कियां ऐसी हो सकती हैं जो अपने हुनर से देश और अपने परिवार के मान-सम्मान को चार चांद लगा सकती हैं और लगा भी रही हैं। पीटी उषा, साक्षी मलिक, दीपा कर्माकर, साइना नेहवाल, सानिया मिर्जा आदि ऐसी लड़कियां हैं जिन्होंने खेल में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया है। फिर भी यह कहना होगा कि इस दिवस का औचित्य तभी है जब हम उन्हें बराबर का हक देंगे।

-राजेश चौहान, सुजानपुर टीहरा