इस बार इसलिए काम रही प्रवासी परिंदों की संख्या

जवाली, (सुनील दत्त): पौंग झील किनारे बिना परमिशन बीजी गई गेहूं की फसल अब पक कर तैयार हो गई है तथा ऐसे में फसल की कटाई भी शुरू होने वाली है लेकिन सवाल यह उठता है कि अब वन्य प्राणी विभाग कंबाइन के माध्यम से फसल की कटाई करने देगा या नहीं। पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करना प्रतिबंधित है लेकिन इस बार सुक्खू सरकार ने घोषणा करके बीजाई करने की परमिशन दे दी लेकिन वन्य प्राणी विभाग के पास इसकी कोई भी नोटिफिकेशन नहीं है। मात्र कुछेक साधन संपन्न परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने मौखिक रूप से वन्य प्राणी विभाग की खाली जमीन पर बीजाई करने की परमिशन दे दी जिस कारण इस बार पौंग झील में करीबन 22हजार प्रवासी परिंदे कम पहुंचे तथा पर्यटकों भी कम ही आए। फसल की आड़ में प्रवासी परिंदों का जमकर शिकार भी हुआ। साधन संपन्न परिवारों ने फसल को बचाने के लिए धागे व डोरियां खेतों में लगा रखी थीं जिसमें फंसकर प्रवासी पक्षी मौत का ग्रास बन गए।

अब साधन संपन्न परिवारों द्वारा कटाई के लिए कंबाइन मंगवा ली गई हैं जिनसे झील किनारे बीजी गई फसल की कटाई करवाई जाएगी और अवशेष को आग लगाकर जला दिया जाएगा जिससे पर्यावरण प्रदूषण होगा। पर्यावरण प्रेमी कुलबन्त सिंह व मिलखी राम शर्मा ने कहा कि कंबाइन से कटाई करने वालों व कंबाइन चालकों पर सख्त एक्शन लिया जाए।

डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन के बोल……

इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि हमारे पास झील किनारे खेती करने की कोई नोटिफिकेशन नहीं आई है तथा किसी को भी कंबाइन से कटाई नहीं करने दी जाएगी। अगर कोई कंबाइन चलती हुई पाई गई तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।