भगवान राम जी के आदर्श अपनाएं…

हम भगवान श्री राम जी का जन्मदिन राम नवमी के रूप में मनाते हैं। जब-जब भी सृष्टि पर पाप बढ़ा है, असुरों के अत्याचार से प्राणी जाति संकट में आई है और सत्य, इनसानियत का पतन होने लगा है, तब-तब भगवान धरती पर किसी न किसी रूप में आए हैं। कभी राम बनके, तो कभी कृष्ण के रूप में। भगवान श्री राम जी ने सृष्टि को रावण के जुल्मों और अत्याचारों से मुक्त करवाया था तो भगवान श्री कृष्ण जी ने कंस के अहंकारवश किए जा रहे गलत कामों से। जब धरती पर रावण के अत्याचार बढऩे लगे, रावण साधु-संतों को परेशान करने लगा, तब भगवान विष्णु जी ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में भगवान राम जी के रूप में अवतार लिया था। राम नवमी का उत्सव हमें भगवान राम जी के आदर्श अपनाने की प्रेरणा देता है। यह अवसर भगवान को नमन करने का है।

-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा